-यमुना प्राधिकरण की 88वीं बोर्ड बैठक: किसानों और आवंटियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय
-स्मार्ट विलेज की दिशा में बड़ा कदम, 10 गांवों को किया जाएगा स्मार्ट
उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण की 88वीं बोर्ड बैठक में शनिवार को किसानों और आवंटियों के हित में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में भूमि अधिग्रहण, वित्तीय प्रबंधन और स्मार्ट विलेज योजना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। प्राधिकरण ने अपने अधीन आने वाले गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए प्रथम चरण में 10 गांवों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास विभाग, आलोक कुमार ने की। बैठक में यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 की प्राप्तियों का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया गया। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राधिकरण की कुल प्राप्तियां 1,307.94 करोड़ रुपये रही, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 1,314.10 करोड़ रुपये की प्राप्तियां दर्ज की गई हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने वर्ष 2007 से 2013 तक किए गए अधिग्रहण के अनुसार प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर का भुगतान किया। वहीं, 2014-15 से अब तक कुल 2,835.03 करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं। प्राधिकरण द्वारा अर्जित भूमि के अनुपात में 7 प्रतिशत भूखण्ड योग्य किसानों को आवंटित किए जाते हैं। अब तक शुरुआती 20 ग्रामों के पात्र किसानों को 1,260 आरक्षण पत्र निर्गत किए जा चुके हैं, जिनमें से 4,171 भूखण्ड नियोजित किए जा चुके हैं। आठ ग्रामों में भूखण्ड विकसित कर प्रभावित किसानों को वितरित किया जा चुका है।
स्मार्ट विलेज के विकास की दिशा में ठोस कदम
यमुना प्राधिकरण ने प्रथम चरण में 29 औद्योगिक नगरों/ग्रामों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इनमें प्रमुख ग्राम हैं रामपुर बांगर, निलीनी शाहपुर, अच्छेजा बुजुर्ग, डूंगरपुर रीलखा, रुस्तमपुर, मिर्जापुर, मलारपुर, बपरगढ़, अट्टा गुजरान, मूजखेवा, गुनपुरा, मोहम्मदपुर गुर्जर, खेरली भार औरंपुर, जगनपुर अकजालपुर। उपरोक्त 20 ग्रामों में से 9 ग्रामों में विकास कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 10 ग्रामों में विकास कार्य प्रगति पर है, जबकि 10 ग्रामों में विकास कार्य प्रारंभ किया जाएगा। अब तक स्मार्ट विलेज योजना के विकास हेतु लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और 78 करोड़ रुपये की लागत वाले कार्य प्रगति पर हैं। दिसंबर 2025 तक लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से शेष 10 ग्रामों में विकास कार्य पूरे किए जाने की योजना है।
किसानों और आवंटियों को मिलेगा लाभ
बोर्ड बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि स्मार्ट विलेज योजना न केवल गांवों के भौतिक विकास, बल्कि किसानों और आवंटियों के हित को भी सुनिश्चित करेगी। भूमि आवंटन और विकास कार्यों के पारदर्शी संचालन से ग्रामीणों को स्थायी लाभ मिलेगा। इससे स्थानीय रोजगार, आधारभूत संरचना और सामाजिक विकास में भी तेजी आएगी। यमुना प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि विकास कार्य केवल भौतिक संरचना तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में आधुनिकीकरण और सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाया जाएगा। प्राधिकरण की यह पहल किसानों, आवंटियों और स्थानीय समुदाय के लिए बड़ी राहत और आशा का स्रोत बनेगी।

सीईओ, यमुना प्राधिकरण (यीडा)
यमुना प्राधिकरण की 88वीं बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय किसानों और आवंटियों के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भूमि आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ और समयबद्ध तरीके से किया जाए। स्मार्ट विलेज योजना के तहत चयनित गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास, आवासीय सुविधाएं, सड़क, पानी और बिजली जैसी सुविधाओं का आधुनिकीकरण किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि गांवों को न केवल भौतिक रूप से, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाया जाए। इससे प्रभावित किसानों और आवंटियों को स्थायी लाभ मिलेगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा। हम प्राधिकरण के सभी विकास कार्यों को समय पर पूरा कराने और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।
राकेश कुमार सिंह
सीईओ, यमुना प्राधिकरण (यीडा)
















