सीईओ एनजी रवि कुमार की मेहनत का असर दिखाई दे रहा है। खस्ताहाल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अर्थव्यवस्था को संकट से उबार कर पिछले एक वर्ष में 1600 करोड़ रुपये के कर्ज का किया भुगतान किया है। प्राधिकरण की कमाई बढ़ रही है और कर्ज का बोझ कम हो रहा है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास के चलते देश और दुनिया के बिल्डरों का रुझान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में बढ़ा है। यही कारण है कि प्राधिकरण की ओर से निकाली गई पांच ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना में तय मूल्य से 128 फीसद अधिक पैसा मिला है। प्राधिकरण ने 34 एकड़ भूमि करीब 1500 करोड रुपए में बेची है। यह भूमि आरक्षित मूल्य से लगभग 762 करोड़ रुपए अधिक है। अगले दो वर्ष में प्राधिकरण को पूरी तरह से कर्ज मुक्त बनाने की योजना पर सीईओ तेजी से काम कर रहे हैं।
विजय मिश्रा (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। सीईओ एनजी रवि कुमार की नीतियों के चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक सेहत काफी तेजी से सुधर रही है। प्राधिकरण की कमाई बढ़ रही है और कर्ज का बोझ कम हो रहा है। आगामी योजना इस तरह से बनी है कि प्राधिकरण के पास पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी। भूखंड आवंटन से मिलने वाली रकम से बैंकों का कर्ज उतारा जा रहा है। प्राधिकरण को कर्ज मुक्त बनाकर और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट तेजी से पूरा करके क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को बढ़ाया जाएगा। खस्ताहाल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अर्थव्यवस्था को संकट से उबार कर एनजी रवि कुमार ने एक वर्ष से भी कम समय में कर्ज के बोझ को 1600 करोड़ रुपये कम कर दिया है। अगले दो वर्ष में प्राधिकरण को पूरी तरह से कर्ज मुक्त बनाने की योजना पर सीईओ तेजी से काम कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्रेनो प्राधिकरण पर 4500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था जो कि अब घटकर 2900 करोड़ रह गया है। सीईओ द्वारा खोई हुई संपत्तियों को ढूढ़कर उसकी बिक्री करके आमदनी बढ़ाने की नीति बनाई गई है। प्राधिकरण की ठोस ब्रॉडिंग और मार्केटिंग का परिणाम है कि रियल स्टेट सेक्टर की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित कंपनियों ने वन टाइम पेमेंट स्कीम को स्वीकार करते हुए मुंह मांगी कीमत पर प्रॉपटी खरीद रहे हैं। ग्रुप हाउसिंग के सिर्फ 5 भूखंडों की नीलाम करने से प्राधिकरण को 1500 करोड़ रुपये मिले हैं। जबकि इन भूखंडों की बिक्री से लगभग 750 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था।
विगत कुछ वर्षों में किसानों से संघर्ष, ठप पड़ी योजनाएं, कर्ज का बढ़ता बोझ सहित तमाम तरह की नकारात्मक खबरों की वजह से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण चर्चाओं में रहता था। एक समय ऐसा था ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की गिनती उत्तर प्रदेश के अति समृद्ध औद्योगिक विकास प्राधिकरण में होती थी। लेकिन वक्त के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपनी विरासत को संभाल नहीं पाया। कर्ज के भंवर में फंसे प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। पिछले वर्ष जुलाई में एनजी रवि कुमार ने प्राधिकरण के सीईओ का चार्ज संभाला और विरासत में उन्हें आर्थिक संकट का कांटों भरा ताज मिला। चुनौती को स्वीकार करते हुए सीईओ ने विशेष कार्ययोजना तैयार की और उस पर तेजी से अमल किया। अधीनस्थ अधिकारी को इसी कार्ययोजना के अनुरूप काम करने के लिए प्रेरित किया। काम में अड़ंगा लगाने और लापरवाह रूख अख्तियार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का हंटर भी चलाया। सीईओ की मेहनत का असर है कि आज फिर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास के चलते देश और दुनिया के बिल्डरों का रुझान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में बढ़ा है। यही कारण है कि प्राधिकरण की ओर से निकाली गई पांच ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना में तय मूल्य से 128 फीसदी अधिक पैसा मिला है। इसमें से दुबई की शोभा लिमिटेड को भी जमीन आवंटित हुई है। यह कंपनी एनसीआर में पहला ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाएगी। प्राधिकरण ने इस योजना में 34 एकड़ भूमि करीब 1500 करोड रुपए में बेची है। यह भूमि आरक्षित मूल्य से लगभग 762 करोड़ रुपए अधिक है। अहम बात यह है कि आवंटन पत्र जारी होने की तिथि से 90 दिन के अंदर आवंटित भूखंड का पैसा एकमुश्त जमा करना होगा। भूखंडों की बिक्री से मिले इन पैसों से बकाया कर्ज का भुगतान किया जाएगा।
प्राधिकरण द्वारा इन कंपनियों को दी गई जमीन
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना निकाली थी। ऑक्शन के जरिए इनका आवंटन किया गया। इसमें 28 बिल्डरों ने रुचि दिखाई थी। प्राधिकरण ने सेक्टर-12 में मैसर्स गोदरेज प्राइवेट प्रॉपर्टीज लिमिटेड को 30000 वर्ग मीटर भूखंड का आवंटन किया।
इसी कंपनी को सेक्टर सिग्मा 2 में 38400 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया गया है। दुबई की मैसर्स शोभा लिमिटेड को 13900 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया गया। सेक्टर-12 में मैसेज एसोटेक प्राइवेट लिमिटेड को 28000 वर्ग मीटर, सेक्टर ईटा टू में 22 हजार वर्ग मीटर से अधिक भूखंड आवंटित किया गया।
आवासीय भूखंडों से मिलेंगे 17 करोड़ रुपये
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच आवासीय भूखंडों की योजना निकाल दी है। ये भूखंड चाई थ्री व चाई फोर में स्थित हैं। ये भूखंड 524, 505, 639, 1026 और 1023 वर्ग मीटर के हैं। इन पांच भूखंडों से 3718 वर्ग मीटर जमीन आवंटित होगी और पांचों भूखंडों के आवंटित होने पर रिजर्व प्राइस के हिसाब से लगभग 17 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि इन भूखंडों के लिए आॅनलाइन आवेदन शुक्रवार से शुरू हो गए हैं।
यूनिपोल से होगी 97 करोड़ रुपये की आमदनी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 76 नए यूनिपोल के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। इससे प्राधिकरण को लगभग 97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का आंकलन है। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि 76 नए यूनिपोल के लोकेशन चिन्हित किए गए। सर्वाधिक कीमत की बिड लगाने वाले को ये यूनिपोल आवंटित किए जाएंगे।