जन सेवक तरुण मिश्र ने बैद्यनाथधाम में भव्य पूजा-अर्चना कर समाज कल्याण और देश की एकता की कामना की

-बारह ज्योतिर्लिंगों और 51 शक्तिपीठों में शामिल पवित्र शिव मंदिर में जनसेवा और भक्ति का मिला अद्भुत संगम

उदय भूमि संवाददाता
देवघर। रविवार को समाजसेवी और जन सेवक तरुण मिश्र ने देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और 51 शक्तिपीठों में शामिल पवित्र स्थल बैद्यनाथधाम के शिव मंदिर में भव्य पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भगवान शिव के समक्ष सकल समाज के कल्याण, देश की एकता, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। पूजा के दौरान तरुण मिश्र ने विधिपूर्वक आराधना की और भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि धर्म और भक्ति केवल व्यक्तिगत जीवन की उन्नति के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के सामूहिक कल्याण और देश की एकता के लिए भी अनिवार्य हैं। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग से मिलकर सहयोग और सेवा का संदेश दिया और कहा कि एकजुट समाज ही प्रगति और विकास की नींव रखता है।

मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। उन्होंने तरुण मिश्र के नेतृत्व में पूजा में भाग लिया और भक्ति भाव से पूरे कार्यक्रम को श्रद्धा और उमंग के साथ संपन्न किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने देश, समाज और धर्म की उन्नति के लिए सामूहिक प्रार्थना की। तरुण मिश्र ने कहा कि समाज सेवा का मार्ग केवल दान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को भी प्रेरित करते हुए कहा कि वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय होकर अपने क्षेत्र और देश के विकास में योगदान दें। मंदिर प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी तरुण मिश्र का स्वागत किया और उनके समाजसेवी योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है, बल्कि समाज में सेवा, सहयोग और एकता की भावना को भी प्रगाढ़ बनाती है।

इस अवसर पर सामाजिक संगठनों, स्थानीय युवाओं और नागरिकों ने भी भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। पूरे दिन मंदिर परिसर में भक्ति, सेवा और उत्साह का अद्भुत वातावरण बना रहा। यह पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज के सामूहिक कल्याण और एकता का संदेश देने वाला पर्व साबित हुआ। इस प्रकार जन सेवक तरुण मिश्र का यह कदम न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करता है, बल्कि समाज सेवा और जनकल्याण की भावना को भी मजबूत करता है। पूरे क्षेत्र में उनके इस प्रयास की सराहना की जा रही है और इसे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया जा रहा है।