- नए आपराधिक कानूनों पर छात्र-छात्राओं को दी गई जानकारी
- सरस्वती शिशु मंदिर में नंदग्राम पुलिस टीम ने जागरूकता अभियान 2.0 के तहत किया विशेष सत्र आयोजित
- एसीपी उपासना पांडे ने छात्रों को बताया भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम के प्रमुख प्रावधान
- विद्यार्थियों ने पूछे सवाल, पुलिस ने विस्तारपूर्वक दिए जवाब और समझाया कानून का महत्व
- जागरूकता अभियान का उद्देश्य नागरिकों और कानून के बीच सेतु बनाना और समाज में न्याय तथा अनुशासन की भावना को मजबूत करना
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। नये आपराधिक कानूनों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नंदग्राम सहायक पुलिस आयुक्त उपासना पांडे के नेतृत्व में गुरुवार को थाना सिहानी गेट पुलिस टीम द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को भारत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई।
कार्यक्रम के दौरान एसीपी उपासना पांडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इन नए कानूनों का उद्देश्य आम नागरिक को न्याय प्रणाली से अधिक जोडऩा और अपराध पीडि़तों को शीघ्र न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अगर इन कानूनों की मूल भावना को समझेगी, तो भविष्य में एक जागरूक, जिम्मेदार और सशक्त समाज का निर्माण संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि कानून की जानकारी केवल वकीलों या पुलिस तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी होनी चाहिए ताकि समाज में न्याय और अनुशासन की भावना मजबूत हो। एसीपी पांडे ने छात्रों को बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में अपराधों की परिभाषाओं को अधिक स्पष्ट और आधुनिक बनाया गया है, वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में पुलिस जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी एवं तकनीकी रूप से सशक्त किया गया है। इसके साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) में डिजिटल साक्ष्यों को मान्यता देने जैसे कई महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं। उन्होंने छात्रों को यह भी बताया कि इन कानूनों के लागू होने से अब पुलिस की कार्यप्रणाली अधिक जवाबदेह और समयबद्ध होगी। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने एसीपी से सवाल भी पूछे, जिनका उन्होंने सहजता और विस्तारपूर्वक उत्तर दिया। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी इन कानूनों की जानकारी दें ताकि समाज में विधिक साक्षरता बढ़े।
इस अवसर पर थाना सिहानी गेट पुलिस टीम के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। पुलिस अधिकारियों ने विद्यालय प्रबंधन को इस सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे जागरूकता अभियान लगातार जारी रहेंगे ताकि समाज का हर वर्ग कानूनों की जानकारी रख सके। एसीपी उपासना पांडे ने अंत में कहा कि यह अभियान केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि नागरिक और कानून के बीच सेतु बनाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून भारत की न्याय प्रणाली को नई दिशा देंगे और नागरिकों को अधिक सशक्त बनाएंगे। कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों को यह संदेश देकर हुआ कि कानून का ज्ञान केवल परीक्षा की विषयवस्तु नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक होने की पहली शर्त है। विद्यालय प्रबंधन ने नंदग्राम पुलिस टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में विधिक जागरूकता और नैतिक जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।

















