दिन में कबाड़ का काम कर फेरी के दौरान करता था रैकी, रात होने पर टीम के साथ चुरा लेता था कीमती सामान
गाजियाबाद। मोबाइल टावर से कीमती उपकरण रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) चोरी मामले में फरार चल रहे 50 हजार इनामी अंतरराज्यीय गिरोह के शातिर चोर को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से चोरी का 25 लाख रूपये का माल बरामद किया है। क्राइम ब्रांच की टीम इस नेटवर्क का भंडाफोड़ पूर्व में कर चुकी है। गिरोह के अन्य 7 सदस्य फरार चल रहे थे। जिसमें इसी गैंग के 50-50 हजार रुपये के इनामी 3 शातिरों को 29 मई को और 50 हजार इनाम को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनके कब्जे से करीब 72 लाख रुपये का मोबाइल टावरों से चोरी का माल और चोरी करने में प्रयोग की जाने वाली कार वैगनार बरामद हुई थी। लोहिया नगर स्थित अपने कार्यालय में एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया मंगलवार रात को नंदग्राम क्षेत्र से क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने मोबाइल टावर से कीमती उपकरण रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) चोरी मामले में फरार चल रहे गैंग के 50 हजार रुपये ईनामी मेहराजुद्दीन उर्फ मिराजुद्दीन निवासी तुगलकाबाद एक्सटेंशन गोविंदपुरी नई दिल्ली को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से जियो एवं एयरटेल कंपनी के टॉवरों से चोरी की 2 अदद रेडियो रिसीवर यूनिट व 3 बैटरियां बरामद किया गया। 8 मई को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा पकड़े गए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उन्होंने बताया पकड़ा गया आरोपी 9वीं फेल और सीलमपुर, तुगलकाबाद व मुस्तफाबाद में कबाड़ खरीदने-बेचने की फेरी का काम करता है। लेकिन उसमें ज्यादा फायदा नहीं होने हो पाते थे।
कबाड़ की फेरी के दौरान सीलमपुर में उसकी मुलाकात सुमित से हुई। जिसमें मोबाइल टावर से चोरी होने वाले आरआरयू. के बारे में बताया। सुमित जावेद मीरापुरिया के लिए काम करता था। सुमित ने उसको मोबाइल टावरों से चोरी करने वालो से मिलवाने का काम किया। जिसके बाद से मोबाइल टावरों से चोरी का माल सुमित की बताई हुई पार्टियों से लेकर सुमित के बताये हुए वसीम व जावेद के गोदाम पर पहुंचाने का काम करता था। पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल टावरों की बैट्री, रेडियो रिसीवर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस की चोर बजारी में काफी मांग चल रही थी। मोबाइल टावरों पर लगे उपकरण काफी मंहगे होते है और इनको चोरी करना भी आसान होता है।\
जिसे ट्रांसपोर्ट करने में भी कोई समझ नहीं पाता है। जिसके लिए एक संगठित गिरोह बना लिया। गिरोह में इसके अलावो अलावा जावेद मीरापुरिया, उसका भाई वसीम, जुबैर, कैफ, सुमित कसाना, राहुल गोयल, शुएब मलिक, वसीम अलवी, सुहेल मलिक, अल्ताफ, नईम व शहजाद शामिल है। गिरोह के सुहेल मलिक, वसीम अलवी, व अल्ताफ दिल्ली एनसीआर में दिन में कबाडे की फेरी करके कबाडे का काम करते थे और जिस मोबाइल टावर से इनको चोरी करनी होती है उसको दिन में ही फेरी के दौरान चिन्हिंत कर लेते थे। राहुल गोयल यह बता देता था कि किस टावर पर कौन सा आरआरयू व अन्य उपकरण लगे है और उसे कैसे खोलना है। राहुल गोयल टेलीकॉम कम्पनी में ही काम करता था। घटना स्थल पर जाने के लिए गाड़ी का इंतेजाम सुहेल करता था और रात होने पर चिन्हित टावर के पास पहुंच कर चोरी कर लेते थे। एडीसीपी क्राइम ने बताया गिरोह का मुखिया जावेद मीरापुरिया है। जो कि फरार चल रहा है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये की इनाम की घोषणा की गई है। पकड़ा गया आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर पश्चिमी बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गाजियाबाद, नोएडा दिल्ली एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे कई स्थानों पर मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट, बैटरी व अन्य कीमती चोरी के उपकरण चोरी कर जावेद मीरापुरिया व उसके भाई वसीम को दे चुके है।
गिरोह का भंडाफोड़ होते ही दुबई भागा सरगना
मोबाइल टावर से कीमती उपकरण रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) चोरी की घटना का जैसे ही क्राइम ब्रांच की टीम ने भंडाफोड़ किया तो एक-एक कर गिरोह के सभी सदस्य भागने लगे। मगर क्राइम ब्रांच की टीम ने सभी को सलाखों के पीछे भेज दिया। मगर क्राइम ब्रांच की टीम के डर से गिरोह का सरगना दुबई भाग गया। जो दुबई में छिपकर रह रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम मोबाइल टावर में होने वाली चोरी की घटना में अब तक करोड़ों का माल बरामद कर चुकी है और गिरोह का असली सूत्रधार यानी राहुल गोयल को भी गिरफ्तार कर चुकी है। राहुल गोयल टेलीकॉम कंपनी में काम करता था। जिसे इसकी पूरी जानकारी थी कि किस टावर में चोरी करनी है और कौन सामान चुराना है। फिलहाल अब क्राइम ब्रांच की टीम मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अपनी फिल्डिंग लगाए हुए है। कयास लगाए जा रहे है, जल्द ही वह भी टीम की गिरफ्त में होगा।