3 करीबियों ने छोड़ा महबूबा मुफ्ती का साथ

पीडीपी को हाइजैक करने का आरोप लगाया

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की परेशानी निरंतर बढ़ रही है। चर्चित रोशनी घोटाले में नाम उछलने के बाद महबूबा को एक और झटका लगा है। पीडीपी के 3 कद्दावर नेताओं ने महबूबा का साथ छोड़ दिया है। इन नेताओं ने एकाएक पीडीपी से इस्तीफा दे दिया है। तीनों नेता काफी लंबे वक्त से पार्टी के साथ जुड़े थे। जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन पर सियासी हलचल बढ़ी हुई है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) भी गुपकर गठबंधन का हिस्सा है। इस पार्टी को जम्मू संभाग में बड़ा झटका लगा है। दरअसल पीडीपी नेता धमन भसीन, फलैल सिंह और प्रीतम कोटवाल ने इस्तीफा दे दिया है। भसीन और फलैल सिंह पीडीपी के संस्थापक सदस्य थे और मुफ्ती मोहम्मद सईद के करीबी थे। तीनों नेताओं ने त्याग पत्र देने के साथ पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सांप्रदायिक तत्वों ने पीडीपी को हाइजैक कर लिया है। इन नेताओं ने कहा है कि मौजूदा परिस्थिति में उनके पास पार्टी को छोडऩे के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। पत्र में तीनों नेताओं ने कहा है कि उन्होंने अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगाकर पीडीपी की स्थापना के पहले दिन भ्रष्ट और वंशवादी नेशनल कॉन्फ्रेंस का अल्टरनेटिव, सेक्युलर विकल्प देने के मकसद से पार्टी ज्वाइन की। दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद का भी विजन यही था, मगर उनके एजेंडे को त्याग दिया गया और पीडीपी नेशनल कॉन्फ्रेंस की बी टीम बन गई है। सनद रहे कि गत 15 नवंबर को पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने त्याग पत्र दे दिया था। उन्होंने डीडीसी चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर त्याग पत्र दिया था। बेग 1998 में पीडीपी की स्थापना के समय से पीडीपी से जुड़े थे। सूत्रों के मुताबिक हुसैन बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती को पीडीपी छोडऩे के निर्णय के संबंध में बता दिया है।