-जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ सरकार का खजाना भरने में जुटे अधिकारी
बुंलदशहर। जिला पंचायत ने राजस्व वसूली में पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। जो कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 5.99 करोड़ रुपये की वसूली की है। शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के साथ नया रिकॉर्ड भी बना दिया है। जिला पंचायत नगरीय निकायों को छोड़ अन्य ग्रामीण इलाकों से कर वसूली करती है। यह राशि विकास कार्यों में लगाई जाती है। जिला पंचायत के इतिहास में यह पहली बार है हुआ है कि किसी जिला पंचायत की ओर से 6 करोड़ की वसूली की गई है। जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सरकार के खजाने को भरने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।
जिला पंचायत की आय बढ़ाने के लिए हर उन मदों पर काम किया जा रहा है, जिससे उसकी आय बढ़ सकें। जिला पंचायत जिस तरह राजस्व वसूली में सबसे आगे बढ़ रहा है। ठीक उसी तरह विकास कार्यों और लोगों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो रही है। वर्ष 2023-24 में लगभग 6 करोड़ रुपये राजस्व वसूली की है। वसूली में सबसे अधिक दुकानों का किराया, लाइसेस शुल्क से हुई है। वर्ष 2022-23 में जिला पंचायत को 5.17 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष 5.04 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। इसमें व्यावसायिक संपत्ति कर 25.38 लाख, दुकानों के किराए और लाइसेंस शुल्क से 3.16 करोड़ और प्रकीर्ण मद में 1.63 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी। वित्त वर्ष 2023-24 में 5.81 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष जिला पंचायत की ओर से 5.99 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। शासन से निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के साथ-साथ नया रिकॉर्ड भी स्थापित कर दिया है। व्यावसायिक संपत्ति कर से 40 लाख, लाइसेंस और दुकानों के किराए से 3.93 करोड़ और प्रकीर्ण मद में 1.66 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल किया गया है।
अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में इस बार जिला पंचायत ने रिकॉर्डतोड़ वसूली की है। वसूली बढ़ाने के लिए और भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले में विकास कार्यों की गति तेज की जा सके। जिस तरह से अधिकारी एवं कर्मचारी अभियान चलाकर वसूली कर रहे है। ठीक उसी तरह विकास कार्यों की रफ्तार भी बढ़ाई जाएगी। लोगों की सुविधा के लिए हर संभव कार्य किए जाएंगे। जिला पंचायत में अब पहले के मुकाबले फरियादियों की संख्या भी कम हो गई। शिकायतों के निस्तारण के लिए ऑनलाइन की सुविधा दी गई है। अब क्षेत्र के लोगों को अपनी समस्या को लेकर जिला पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते है। ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। हमारा प्रयास जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाना है। जिसके लिए राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।