ग्रेनो वेस्ट ने की सबसे व्यस्त चौराहे को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने की पहल

-चार मूर्ति चौक पर अंडरपास बनाने के लिए टेंडर जारी
-8 से 28 दिसंबर तक टेंडर डाउनलोड करने व 29 दिसंबर को प्री बिड खुलेगी
-अंडरपास के निर्माण में करीब 92 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन
-जनवरी में निर्माण शुरू करने और 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे व्यस्त चौराहे (चार मूर्ति चौक) को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने की योजना अब जल्द धरातल पर उतरने की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस अंडरपास का निर्माण कराने के लिए टेेंडर जारी कर दिया है। डॉक्यूमेंट टेंडर डाउनलोड करने की तिथि 8 दिसंबर से 28 दिसंबर 2023 तक है। 29 दिसंबर को प्री क्वालिफिकेशन विड खुलेगी। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने इस अंडरपास के टेंडर की प्रक्रिया को तय समय में पूरा करने और जनवरी में काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी तेजी से बढ़ रही है। चार मूर्ति चौक यहां का सबसे व्यस्त चौराहा है। चौराहे पर ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए अस्थायी विकल्प के तौर पर दो तरफ यूटर्न बने हुए हैं। गौड़ सिटी की तरफ से सूरजपुर या नोएडा को जाने वाले वाहन 130 मीटर रोड पर बने यूटर्न से होकर गुजरते हैं। इसी तरह 130 मीटर रोड या सूरजपुर की तरफ से गौड़ सिटी व प्रताप विहार को जाने वाले वाहन नोएडा की तरफ बने यूटर्न से होकर जाते हैं। इसकेे स्थायी समाधान के तौर पर यहां अंडरपास प्रस्तावित किया गया है।

यह अंडरपास चार मूर्ति चौराहे पर 60 मीटर रोड के पैरलल बनेगा। यानी प्रताप विहार से सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा के बीच वाहन इस अंडरपास से होकर गुजरेंगे। यूटर्न तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे वाहन चालकों के समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी। सरकारी सलाहकार एजेंसी राइट्स ने इसका डिजाइन तैयार किया है। राइट्स ने ही शहर के ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान तैयार करते हुए चार मूर्ति चौक पर अंडरपास बनाने का सुझाव दिया है। इसी सुझाव के आधार पर प्राधिकरण अब अंडरपास बनवाने जा रहा है। इस अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पूरा होने में डेढ़ साल का समय लगेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट और आसपास के निवासियों की जरूरत को देखते हुए इस का निर्माण शीघ्र शुरू कराने और जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अंडरपास के निर्माण के दौरान ट्रैफिक की आवाजाही सुगम रखने के लिए वैकल्पिक मार्गों को तैयार करने का कहा है।