आईटीएस डेंटल कॉलेज में दूसरे एडवांस फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के तीसरे मॉड्यूल का आयोजन

  • चेहरे की सुंदरता को ज्यादा बढ़ाने के विभिन्न विकल्पों की प्रतिभागियों को दी जानकारी

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज मुरादनगर के पीरियडोनटोलॉजी विभाग द्वारा 6 एवं 7 दिसंबर गुरुवार को दूसरे एडवांस फेशियल एस्थेटिक्स कोर्स के तीसरे मॉड्यूल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें निजी दंत चिकित्सक, कॉलेज के पूर्व छात्र, संस्थान के दंत चिकित्सक, एमडीएस के विद्यार्थी और कॉलेज के अध्यापक शामिल थे। यह कोर्स सेंटर फॉर फेशियल एस्थेटिक्स ट्रेनिंग (सीएफएटी) और नोवगोरोड विश्वविद्यालय, रूस के सहयोग से आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन,  अर्पित चड्ढा के सहयोग से आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य मरीजों के बीच चेहरे के सौन्दर्य चिकित्सा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और चेहरे के सौन्दर्य में वृद्धि की मांग करने वाले रोगियों की प्राथमिक वैकल्पिक लक्ष्यों को प्राप्त करना एवं रोगी को समग्र उपचार प्रदान करना है।

इस पाठ्यक्रम के गेस्ट स्पीकर डॉ शोर्य शर्मा, जो एक फेशियल ऐस्थेटिक्स चिकित्सक के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय वक्ता भी है। जिन्होंने फेशियल एस्थेटिक्स पर इस तरह की अनेकों कार्यशालाएं की है। वह एक ट्रेनर के साथ-साथ सेंटर फॉर फेशियल एस्थेटिक्स ट्रेनिंग (सीएफएटी) के अध्यक्ष भी है।

कार्यक्रम के दौरान डॉ शौर्य ने कॉस्मेटिक डेन्टिस्ट्री के अन्तर्गत चेहरे की सुंदरता को ज्यादा बढ़ाने के लिए विभिन्न विकल्पों के बारे में सभी प्रतिभागियों को समझाया। इस कार्यक्रम में डॉ अरूण श्रीनिवासन, डॉ मेल्विन जॉनसन और उनकी टीम ने भी डॉ शोर्य के सहयोगी के रूप में अपनी-अपनी भूमिका निभायी। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को केमिकल पील्स, बोटॉक्स, लेजर द्वारा बालों को कम करना, डर्मल फिलर्स और अन्य फेशियल एस्थेटिक्स उपचार को सफलतापूर्वक एकीकृत करने के लिए तैयार करना है।

कार्यक्रम के पहले दिन प्रतिभागियों को उम्र बढऩे से चेहरे पर झूरियां के उपचार की मूल बातें और विभिन्न प्रकार के डर्मल फिलर्स और उनका फेशियल एस्थेटिक्स के कायाकल्प में अनुप्रयोगों की सम्पूर्ण समझ दी गई। कार्यक्रम के दूसरे दिन फेशियल एस्थेटिक्स उपचार के क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के मोनो थ्रेड्स की आवश्यकता और उनके प्रक्रियाओं के बारे में समझाया गया। इसके साथ ही डॉ शौर्य एवं उनकी टीम ने रोगियों पर डर्मल फिलर्स एवं मोनो थ्रेड्स का लाइव प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिभागियों ने मरीजों पर इन नवीनतम उपचारों का हैंड्स-ऑन किया। डॉ शौर्य ने एमडीएस के विद्यार्थियों और अन्य दंत चिकित्सकों के लिए इस तरह के ज्ञानवर्धक मंच के आयोजन के लिये संस्थान को धन्यवाद दिया।