एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान में आबकारी विभाग की टीम ने बच्चों को दिलाई नशे से दूर रहने की शपथ

-नशा से मुक्ति केवल कानून बनाने से नही, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को देना होगा योगदान: हिम्मत सिंह

उदय भूमि
रामपुर। स्वस्थ समाज के लिए बच्चों का नशामुक्त होना जरूरी है। बच्चे कल के कर्णधार हैं। इसलिए उनको हर हाल में नशे से दूर रखना होगा तभी हम स्वस्थ समाज की कल्पना कर सकते हैं। इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। यदि हमारी युवा पीढ़ी नशे से मुक्त होगी, तभी देश मजबूत होकर रचनात्मक कार्यो में योगदान दे सकता है। इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। आबकारी निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में शहर व देहात क्षेत्र के स्कूलों में नशे के अभियान चलाकर लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक करने का काम करें। जिला आबकारी अधिकारी हिम्मत सिंह के निर्देश पर बुधवार को आबकारी निरीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा की टीम द्वारा श्री राजकीय इंटर कॉलेज धमोरा मिल्क में बच्चों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। जिले में ‘एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान जोर-शोर पर चलाया जा रहा है। विभाग का मकसद नई पीढ़ी को नशे से दूर रखना है। विद्यालयों में जाकर आबकारी निरीक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाई जा रही है।

इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। नशे के दुष्प्रभावों से देश की युवा पीढ़ी को बचाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के अन्तर्गत नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का अभियान जारी है। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद की आबकारी टीम द्वारा जनपद स्थित विभिन्न विद्यालयों में जाकर स्कूली बच्चों को किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं से दूर रहने के लिए शपथ दिलाई गई। एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के तहत बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि नशे ने समाज को खोखला कर दिया है, इसके लिए हमें नशा के विरुद्ध एक मुहिम चलाकर लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि नशा से मुक्ति केवल कानून बनाने से नही हो सकती, बल्कि उसके लिए समाज के हर व्यक्ति को योगदान देना होगा। बच्चों को शपथ दिलाई कि आप भी अपने घर में परिवार एवं आसपास के लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक करें।

आबकारी निरीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा कि बच्चों को स्वयं एवं परिवार/ रिश्तेदारों को भी नशे के प्रति दूर रहने के संबंध में जागरूक किया गया एवं नशे से सम्बंधित दुष्प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया गया कि नशे से व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावित होता है। इसलिए नशे से दूर रहते हुए समाज के विकास में सहयोग के लिए प्रेरित किया गया। इतना ही नहीं विद्यालयों के समीप नशीले वस्तुओं की दुकान खोलने पर भी रोक है। लेकिन सिर्फ नियम-कानूनों के बल पर बच्चों को नशे से दूर नहीं किया जा सकता। इसके लिए समाज में जागरूकता जरूरी है। न सिर्फ माता-पिता बल्कि अन्य अभिभावकों, पड़ोसियों, शिक्षकों के साथ ही समाज के हर व्यक्ति को इस बारे में सजग रहना होगा। तभी हम इस दिशा में कामयाब हो सकते हैं। यह सब करने से पहले हमें खुद भी नशे से दूर रहना होगा तभी हम बच्चों को नशा करने से रोक सकेंगे।