जानलेवा हो सकती है ब्रेन ट्यूमर की अनदेखी: डॉ सुमंतो चटर्जी

-वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे पर यशोदा कौशाम्बी में फेसबुक लाइव जागरूकता व्याख्यान का आयोजन

गाजियाबाद। मस्तिष्क हमारे शरीर का बहुत ही आवश्यक और संवेदनशील अंग है। जब इसमें ट्यूमर विकसित हो जाता है तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है। अगर ट्यूमर का विकास बहुत धीमा है तो इसके उपचार के लिए थोड़ा समय मिल जाता है, लेकिन, अगर ट्यूमर हाई ग्रेड का है तो तुरंत उपचार कराना जरूरी होता है, क्योंकि उपचार कराने में देरी कई बार मृत्यु का कारण बन सकती है। ब्रेन ट्यूमर की सही समय पर जांच व उपचार के लिए हर वर्ष आठ जून को वल्र्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है ताकि आम लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। इसी कड़ी में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी में भी फेसबुक लाइव के जरिये एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुमंतो चटर्जी ने फेसबुक लाइव के जागरूकता व्याख्यान जरिये मस्तिष्क ट्यूमर से संबंधित जानकारिया दी और लोगों के सवालों का जवाब भी दिया। उन्होने ने बताया की मष्तिष्क में ट्यूमर या गाँठ कई कारणों से हो सकते हैं। ऐसे में उनको जितना जल्दी पहचान लिया जाए, वहीं सही है। यह ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में होता है। जब ब्रेन में अनियंत्रित रूप में कोशिकाएं बढऩे लगती हैं या फिर जमने लगती है तो ब्रेन ट्यूमर जानलेवा भी साबित हो सकता है। आज के समय में खराब जीवन शैली की वजह से किडनी, फेफड़े, हार्ट सबंधी कई रोगों का शिकार हो जाते हैं। उन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर। जब ब्रेन में अनियंत्रित रूप में कोशिकाएं बढऩे लगती हैं या फिर जमने लगती है तो ब्रेन ट्यूमर जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसकी सबसे घातक बीमारियों में गिनी जाती है। इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य है कि लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना। चिकित्सा विशेषज्ञों का यह मानना है कि दुनियाभर में रोजाना एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। मस्तिष्क में अचानक असामान्य कोशिकाओं का बढ़ जाने को ब्रेन ट्यूमर कहते है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है। ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही समय पर इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।