केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा पूर्व की तरह इस बार भी संजीवनी का काम करेंगी एकमो मशीन

केन्द्रीय राज्य मंत्री ने यशोदा अस्पताल के एमडी एवं डॉक्टरों के कार्याे की सराहना, एक्स्ट्रा कोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन का मंत्री ने उद्घाटन किया। कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए जीवनदायनी सिद्ध हो चुकी तकनीक एक्स्ट्रा कोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन (एकमो) है, जो कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए देश के कुछ गिने चुने हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जा रही है और अब यह सुविधा उत्तर प्रदेश के पहले निजी हॉस्पिटल यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कौशाम्बी में शुरू होने जा रही है। सरकार भी जल्द ही इस मशीन को लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। 

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में जैसे ही कोविड 19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के केस बढऩे शुरू हुए हैं, उससे निपटने के लिए भाजपा पूरी तरह से तैयार है। ओमीक्रॉन से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था कर ली है और किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जिस तरह से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है और जहां प्रशासन फिर से कोविड 19 से निपटने के लिए चाक चौबंद हो रहा है वहीं निजी हॉस्पिटल भी पीछे नहीं है। हाल ही में गाजियाबाद में 5 अस्पतालों को कोविड-19 एवं ओमीक्रॉन से निपटने के लिए चिन्हित किया गया है। उनमे से ही एक यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी ने उत्तर प्रदेश की पहली एकमो सुविधा का शुभारंभ कर दिया है।
शुक्रवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी में मुख्य अतिथि (सड़क परिवहन और राजमार्ग और नागरिक उड्डयन) केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ वीके सिंह ने डीएम राकेश कुमार सिंह, एमडी डॉ पीएन अरोड़ा की मौजूदगी में निजी हॉस्पिटल की पहली एकमो (ईसीएमओ) सुविधा का फीता काटकर उद्घाटन किया। जनरल वीके सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए जीवनदायनी सिद्ध हो चुकी तकनीक एक्स्ट्रा कोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजन (एकमो) है, जो कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए देश के कुछ गिने चुने हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल की जा रही है और अब यह सुविधा उत्तर प्रदेश के पहले निजी हॉस्पिटल यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कौशाम्बी में शुरू होने जा रही है। सरकार भी जल्द ही इस मशीन को लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। उन्होंने कहा सरकार इस बार कोविड-19 के प्रबंधन में पिछली बार रह गयी कमियों को पूरा करने में हर संभव प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं संबद्धित हॉस्पिटल देने का प्रयास कर रही है। जिससे लोगों को इलाज में सुविधा होगी और देश में जो ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है वो पूरी होगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की तुलना लोग भगवान से करते हैं क्योंकि आदमी जब बीमार पड़ता है उसको डॉक्टर के अंदर ही भगवान दिखता है। जनरल वीके सिंह ने डॉ पीएन अरोड़ा एवं हॉस्पिटल के समस्त डॉक्टरों, स्टाफ को ह्रदय से बंधाई देते हुए कहा कि पिछले कोविड आपदा में भी हॉस्पिटल का कार्य सराहनीय रहा था और अब नई मशीन और सुविधा के साथ आप सब नई ऊर्जा से कोविड संक्रमित मरीजों की जान बचा सकेंगे। जनरल वीके सिंह का स्वागत प्रोफेसर डॉ आरके मणि, डायरेक्टर क्लीनिकल सर्विसेज ने फूलों का गुलदस्तां भेंटकर किया।

ईसीएमओ एडवांस तकनीक की यांत्रिक जीवन दायनी मशीनडॉ आरके मणि ने बताया कि एकमो मशीन कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित फेफड़ों के मरीजों के लिए रिकवरी होने तक कृत्रिम फेफड़ों की तरह काम करती है। एकमो प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग ले चुके डॉ सचिन माहेश्वरी ने कहा कि ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखते हैं जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते हैं और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता। इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है। डॉ सुहास नायर ने कहा कि एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) एक एडवांस तकनीक की यांत्रिक जीवन दायनी (लाइफ सपोर्ट) मशीन है। इस मशीन से अशुद्ध रक्त को शुद्ध (ऑक्सीजनटेड) करके फिर से शरीर में वापस किया जाता है, जिससे रोगी के क्षतिग्रस्त अंग या दिल की गति ठीक हो जाती है।

दो प्रकार के होते हैं ईसीएमओ
डॉ गौरव कुँवर ने बताया कि ईसीएमओ दो प्रकार के होते हैं, वेनोएक्टोरियल, जो हृदय और फेफड़ों को सपोर्ट करती है। वेनोवेनॉस, जो केवल फेफड़ों के लिए ऑक्सीकरण सपोर्ट करती है। ह्रदय रोग सर्जन डॉ आयुष गोयल ने बताया कि ईसीएमओ फेफड़ों के प्रत्यारोपण सहित सर्जरी से पहले और बाद में गंभीर हृदय और श्वसन विफलता वाले रोगियों के लिए एक सेतु का काम करता है। इस दौरान सीएमओ डॉ भावतोष शंखधर, एसीएमओ डॉ सुनील कुमार त्यागी, एसीएम/ डिप्टी कलेक्टर शाल्वी अग्रवाल, हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुनील डागर एवं वरिष्ठ डॉक्टरों डॉ जेएस लाम्बा, डॉ केके पांडेय, डॉ धीरेन्द्र सिंघानिया, डॉ असित खन्ना एवं एकमो टीम के डॉक्टरों डॉ सचिन माहेश्वरी, सीनियर कंसल्टेंट क्रिटिकल केयर, डॉ आयुष गोयल, सीटीवीएस सर्जन, डॉ सुहास नायर ,सीनियर कंसल्टेंट क्रिटिकल केयर एवं डॉ गौरव कंवर, कार्डिएक एनेस्थेटिस्ट आदि डॉक्टर उपस्थित रहे।