महिलाएं स्वावलंबी बन सशक्तितकरण का लिख रही इतिहास: विमला बाथम

-महिलाओं को पैड और चैक किए गये वितरित

गाजियाबाद। महिलाओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। महिलाएं आज स्वावलंबी बन इतिहास रच रही है। महिलाओं के उत्पीडऩ के मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए। यह बातें बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, सीडीओ अस्मिता लाल, एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्रा, कविनगर सीओ अंशु जैन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजभूषण चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक प्रदीप कुमार द्विवेदी, ज्योति दीक्षित, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक किरणराज, चौकी इंचार्ज तरूणा सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुनील त्यागी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा रूंगटा आदि की मौजूदगी में जागरूकता शिविर में सुनवाई के दौरान कहीं। उन्होंने महिला उत्पीडऩ एवं सुरक्षा संंबंधी के अलावा महिलाओं से संबंधित मामलों में सभागार में सुनवाई करते हुए तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए। अध्यक्षा विमला बाथम को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया।
आयोग अध्यक्षा के समक्ष महिलाओं ने अपनी शिकायतों से संबंधित गुहार लगाते हुए निस्तारण करने की मांग की। इस पर उन्होंने संबंधित विभाग को तत्काल कार्रवाई करते हुए निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं से महिलाओं और बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए संचालन किया जा रहा है।  महिलाएं स्वावलंबी बन सशक्तितकरण का इतिहास लिख रही हैं। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी महिलाएं बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर नए-नए उत्पाद बना रही हैं, जो बेहद कम कीमतों पर लोगों को उपलब्ध हो रहे हैं।

मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने महिला सशक्तिकरण को लेकर चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बेटियों को प्रोफेशनल डिग्री के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अध्यक्षा ने नेस्टिंग डॉल का अनावरण किया। इस डॉल में डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता जैसी छोटी-छोटी डॉल सम्मलित की गई हैं। महिला आयोग अध्यक्षा विमला बाथम ने 5 बालिकाओं इरिसा सिंह 2 वर्ष पुत्री मनीष सिंह, यूवरागी पुत्री अमित रावल, ऐश्वर्या टटौरिया पुत्री संजय टटोरिया, ओजस्वी सिंह पुत्री टीकम सिंह, कासवी चौधरी पुत्री रोहित कुमार को सक्षम नेस्टिंग डॉल्स भेंट की। उन्हें भविष्य में आगे बढऩे एवं परिवार का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी। निरा कॉटन पैड्स का अनावरण करते हुए स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाओं एवं अन्य 10 महिलाओं को कॉटन पैड्स वितरित किए। वहीं, 12 हजार रुपए कम्यूनिटी इंवेस्टमेंट फर्म धनराशि 5.50 लाख रुपए का चेक वितरित किया। अध्यक्षा ने बेटी का नाम घर की शान कार्यक्रम के तहत 5 अभिभावकों को उनकी बेटी के नाम की नेमप्लेट भी भेंट की गई। एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास की बेटी सान्वी एलएस, एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह की बेटी देवारती सिंह,कृष्ण कुमार की बेटी धु्रविका सिंह,अपर नगर मजिस्ट्रेट थर्ड प्रवर्धन शर्मा की बेटी प्रत्यूषा वर्धन शर्मा और वीरेंद्र कुमार की बेटी वर्णिका सिंह के नाम की नेमप्लेट दी गई। कोरोना संक्रमण में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को फीस माफी के प्रमाण पत्र सौंपे। अध्यक्षा विमला बाथम ने कहा कि प्रदेश में हजारों की संख्या में स्वयं सहायता समूह बने हुए हैं।जहां महिलाओं की कला को सम्मान के साथ आर्थिक रूप से भी मजबूती मिल रही हैं।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत भी बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना में प्रदेश में सहारनपुर के बाद जिला गाजियाबाद में सर्वाधिक बच्चों के चिन्हित किए जाने पर जिला प्रशासन की सराहना की। अनाथ हुए बच्चों में माता-पिता में से किसी एक को कोरोना संक्रमण की वजह से खो देने बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में 339 बालकों को चिन्हित किया गया। 246 का सत्यापन एवं 100 बालकों को सहायता उपलब्ध कराने जानकारी दी गई। विमला बाथम ने महिलाओं से संबंधित मामलों में सुनवाई करते हुए महिला थाना प्रभारी को तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में महिलाओं से संबंधित लंबित 41 शिकायतों में महिला जनसुनवाई के दौरान उपस्थित 11 महिलाओं के प्रकरणों पर भी सुनवाई की। इन महिलाओं की समस्याओं को मानवीय आधार एवं कानून के तहत तत्काल निस्तारण करने के लिए सीओ और महिला थाना प्रभारी को निर्देश दिए।