विश्व फिजियोथेरेपी दिवस: यशोदा सुपर स्पेशलिटी में मरीजों को दिया निशुल्क परामर्श

-दवाई से ज्यादा फायदा पहुंचाती है फिजियोथेरेपी: मुबारक हुसैन
-मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा ने दी फिजियोथेरेपिस्ट दिवस की बधाई

गाजियाबाद। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर गुरुवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को निशुल्क परामर्श एवं जानकारी दी गई। कार्यक्रम में 100 से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। शिविर में लोगों की हड्डियों से जुड़ी समस्याओं एवं बीमारियों कमर का दर्द, गर्दन का दर्द, जोड़ों का दर्द एवं अर्थराइटिस आदि बीमारियों की जांच एवं सलाह दी गई। कार्यक्रम का उद्धाटन हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पीएन अरोड़ा ने किया और उन्होंने सभी फिजियोथेरेपिस्ट दिवस की बधाई दी और मरीजों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के फिजियोथेरेपी विभाग के प्रमुख एवं वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट मुबारक हुसैन ने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी में हड्डियों का गलना प्रारंभ हो जाता है, यह बीमारी ज्यादातर मोटापे से ग्रसित लोगों में ज्यादा कुप्रभाव दिखाती है, शरीर के बड़े जोड़ों में ऑस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी कूल्हे का जोड़, घुटनों का जोड़ में ज्यादा देखी जाती है।

फिजियोथैरेपिस्ट मुबारक हुसैन ने बताया कि इस बीमारी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हमें यह 3 से 4 साल पहले ही अपने लक्षण दिखाने शुरू कर देती है ऐसे में इसे आसानी से पकड़ा जा सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जॉइंट या जोड़ में दर्द शुरू हो जाता है और उसमें सूजन भी आ सकती है साथ में जोड़ों से संबंधित अंगों का रेंज ऑफ मोशन या उनके मुडऩे में कमी हो जाती है। मरीज का चलना फिरना भी कम होने लगता है और उसके जोड़ पूरी तरह से मुड़ नहीं पाते। सेहत को सबसे बड़ा धन कहते हैं। बावजूद इसके पेट पालने के लिए काम जरूरी है। कई बार इसके लिए सेहत से समझौता भी करना पड़ता है। कई घटों तक बैठे और खड़े रहने का काम शारीरिक दिक्कतों के रूप में सामने आता है। आधुनिक जीवन शैली में यह समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं। काम भी जरूरी है और सेहत भी। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए फिजियोथेरेपी कारगर होती है।

हॉस्पिटल के दूसरे वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट आशीष जैन ने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी 50 साल से अधिक के मरीजों में ज्यादा देखी जाती है। वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट स्नेहा जैन ने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी से बचने के लिए मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज या व्यायाम करने चाहिए। मांसपेशियों के व्यायाम यदि व्यक्ति नियमित रूप से करता रहे तो ओस्टियोआर्थराइटिस से काफी हद तक बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि आपको पहले से इनमें से कोई बीमारी है तो अपने ट्रीटिंग फिजिशियन से बात करके ही यह व्यायाम शुरू करें और समस्या बढऩे पर कुशल एवं प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट की राय जरूर लें।