राजनगर एक्सटेंशन में बिल्डरों पर 5 लाख का जुर्माना, जीडीए ने वायु प्रदूषण नियंत्रण को बनाया अभियान

-खुले में निर्माण सामग्री रखने और धूल नियंत्रण नियमों के उल्लंघन पर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई, शहर में व्यापक धूल-मुक्त अभियान जारी

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और शहर की हवा को स्वस्थ बनाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने कड़ा रुख अपनाया है। राजनगर एक्सटेंशन में बिल्डरों की साइटों पर खुले में निर्माण सामग्री रखने और धूल नियंत्रण नियमों के उल्लंघन के मामले में जीडीए अधिकारियों ने 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई जीडीए उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल के सख्त आदेशों के तहत की गई, जिन्होंने ग्रेप-3 और एनजीटी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। जीडीए उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल ने कहा कि शहरी क्षेत्र में धूल और प्रदूषण पर नियंत्रण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। निर्माण गतिविधियों में लापरवाही व नियमों के उल्लंघन को सहन नहीं किया जाएगा। दोबारा उल्लंघन पाए जाने पर न केवल जुर्माना, बल्कि आवश्यक होने पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।

सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट नियम-2016 और डीपीसीसी मानकों के तहत निर्माण स्थलों पर बाड़ाबंदी, पानी का छिड़काव, धूल रोधी नेट, एंटी-स्मॉग गन और मैकेनिकल स्वीपिंग अनिवार्य हैं। ग्रेप-3 के तहत वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है। राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में बिल्डरों की साइटों पर एंटी-स्मॉग गन न चलने, निर्माण सामग्री खुले में रखने और अन्य गाइडलाइनों के उल्लंघन पर यह जुर्माना लगाया गया। जीडीए ने शहर भर में धूल-मुक्त अभियान भी तेज कर दिया है। मधुबन-बापूधाम योजना की सभी सड़कें, राजनगर एक्सटेंशन की आंतरिक सड़कें और अन्य क्षेत्रों में सुबह और रात के समय पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पेड़-पौधों पर जमी धूल हटाने, कटिंग कराने और सड़क किनारों की सफाई के अलावा धूल नियंत्रण के विशेष उपाय अपनाए जा रहे हैं।

अभियंत्रण अनुभाग की टीमों ने सीएंडडी वेस्ट से सड़कों को मुक्त करने और अवैध निर्माण रोकने का काम किया। अधिकारी स्थल पर मौजूद रहकर मॉनिटरिंग करते हुए सुनिश्चित कर रहे हैं कि नियमों का पूर्ण पालन हो और धूल मुक्त सड़कें बनें। जीडीए उपाध्यक्ष नंद किशोर कलाल ने सभी आवंटियों, सोसाइटी निवासियों और निजी बिल्डरों से अपील की कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण में सक्रिय सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी को निर्माण गतिविधियों को रोकना, धूल नियंत्रण के उपाय अपनाना, पेड़-पौधों की धुलाई, खुले में कचरा जलाने पर रोक और सोसाइटी परिसर में धूल उड़ाने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना अनिवार्य करना होगा। नंद किशोर कलाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल जुर्माना लगाने का नहीं है, बल्कि शहर के हर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसके लिए हम लगातार निगरानी करेंगे और नियमों का पालन कराएंगे। नागरिकों और बिल्डरों का सहयोग इस अभियान की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।