अवसाद : बहुमूल्य है जीवन, खुशियां बांटे और मस्त रहें

लेखिका : गरिमा पंत
(वरिष्ठ पत्रकार, समाजविज्ञानी एवं लेखिका हैं। ज्वलंत एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखती हैं।)

अवसाद आज बड़ी गंभीर समस्या बन गई है। अवसाद प्राय: ज्यादातर लोगों में पाई जाने वाली बीमारी है, जो हर 10 में से एक इंसान को अपनी जिंदगी में प्रभावित करती है। डिप्रेशन क्यों होता है? यह बहुत ही विचारणीय प्रश्न है। जीवन में कई अवसर ऐसे आते हैं व्यक्ति जब दुखों में डूब जाता है और उसे चारों तरफ मायूसी दिखती है, उसे सारी दुनिया काली लगने लगती है, तब व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। अवसाद का अर्थ मनोभावों से संबंधी दु:ख से होता है। अधिकतर यह देखा गया है की जो व्यक्ति किसी से बहुत ज्यादा प्रेम करता है पर किसी कारणवश उसे उस व्यक्ति से दूर जाना पड़ जाता है या वह व्यक्ति बिछड़ जाता है और उसे उसका प्रेम व सानिध्य नहीं मिल पाता, तो वह अवसाद में डूब जाता है।

अवसाद की अवस्था में व्यक्ति स्वयं को लाचार समझता है, प्रेम ही नहीं वरन आज की परिस्थियों को देखकर बहुत सारे कारण अवसाद के हो सकते हैं। अवसाद के कारण नींद नहीं आती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अवसाद प्राय: अधिकतर लोगों में पाई जाने वाली बीमारी है, जो हर 10 में से एक इंसान को अपनी जिंदगी में प्रभावित करती है। इस बीमारी का समय 6-8 महीने रहता है। अगर किसी के बहुत प्रिय की मृत्यु हो जाए और वह दुखी है, तो यह स्वाभाविक प्रक्रिया है और उसके दु:ख में आप बहुत भावुक रहते हैं तो आप अवसाद का शिकार होते है।

अगर आप जीवन में खालीपन महसूस कर रहे हैं तो आप मान लें कि आप अवसाद ग्रस्त हैं। एक सर्वे के अनुसार महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा जल्दी अवसाद होता है। जब कोई अवसाद का शिकार हो तो उसे गाना सुनना चाहिए, मस्ती करनी चाहिए। जीवन के हर क्षण का मजा लेना चाहिए, उसे कभी अकेले नहीं रहना चाहिए। उसे प्रकृति से बात करनी चाहिए। जीवन के हर छड़ में आनंद की अनुभूति करनी चाहिए, सामाजिक मेल-जोल ज्यादा बढ़ाना चाहिए, नकारात्मक लोगों के पास नहीं रहना चाहिए। सुबह-शाम धूप अच्छी लेनी चाहिए। कसरत करने से भी अवसाद दूर होता है। आप जितना मस्त रहेंगे उतना ही अवसाद से दूर रहेंगे। संतुलित आहार में अगर आप विटामिन डी लेते हैं तो बहुत अच्छा रहता है। शराब और ऐसी किसी भी वस्तु से दूर रहें जो हानि पहुंचाती हो। खुद को दोष न दें, जिंदगी बहुत खूबसूरत है और एक ही बार मिली है तो मस्त रहें और सबसे बड़ी बात अपने आप को व्यस्त रखें। जितना व्यस्त आप होंगे उतना ही कुछ सोच नहीं पाएंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलिए और हर समय किसी नए विषय के बारे में सीखने की कोशिश करिए। दुनिया से जुड़िए, हर किसी से सकारत्मक बात करिए। अपने जो करीबी हैं, उनसे बात करिये। बच्चो के साथ मस्ती करें, अपना बचपन याद करें, कभी कभी उनकी तरह हरकत करें, अवसाद बहुत हद तक दूर हो जाएगा। जिंदगी बहुत कीमती है, उसे खुशहाल बनाकर रखें। दुनिया में कुछ नहीं रखा है और न ही आप धन दौलत अपने साथ ले जाने वाले हैं।

जब शरीर आप साथ नहीं ले जा सकते तो बाकि क्या ले जा पाएंगे। जो कुछ आज है, अभी है, कल किसने देखा है। दूसरों को खुशी देने के बाद जो मन को संतुष्टि मिलती है वो बहुत धन दौलत में नहीं मिलती है। यदि आपने कभी कोई पुरस्कार पाया है उस लम्हे को याद करिये। आप अपने आत्मविश्वास को कभी कम मत करिये। आप हमेशा यह सोचें कि मुझसे अच्छा कोई नहीं है। इस दुनिया में आप अपने को पहचाने, अपनी काबलियत को पहचाने और धीरे-धीरे अपनी पुरानी दिनचर्या पर वापस आ जाएं, अपना काम दुबारा शुरू करें। आप कभी अवसाद में नहीं आएंगे।

अगर आपको लगता है कि आप भी अवसाद के शिकार हैं और अपने आप से इसे नियंत्रण नहीं कर पा रहे तो आपको डॉक्टर से मदद लेना जरूरी है। कई लोग अवसाद के बाद भी डॉक्टर से मदद लेने में बहुत समय लगा देते हैं, पर अच्छा होगा कि आप इसमें देरी न करें, जितनी जल्दी आप डॉक्टर से मिलेंगे, उतनी ही जल्दी आपको उपचार मिल सकता है।