अब फिटनेस मंत्र बन चुकी साइकिल

लेखक:गौरव पांडेय 
(लेखक हैं। सामाजिक, पर्यावरण एवं धार्मिक कार्यों से जुड़े रहते हैं। यह लेख उदय भूमि में प्रकाशन के लिए लिखा है।)

यूं तो साइकिल को महज समाज के ऐसे वंचित वर्ग के लिए यातायात का माध्यम माना जाता है जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट या स्कूटर-बाइक के ईंधन का खर्च वहन नहीं कर सकते, मगर 21वीं शताब्दी में यह तस्वीर कुछ बदली हुई नजर आ रही है। भारत में साइकिल का प्रचलन करीब 1960 के आस-पास प्रारंभ हुआ और साइकिल अब एक फिटनेस मंत्र बन चुकी है। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने व कार्यस्थल पर पहुंचने के अलावा अभी लोग इसे फिटनेस के लिए नियमित रूप से चला रहे हैं। साइकिलिंग के कोच एवं एक्सपर्ट के अनुसार साइकिलिंग में शरीर की कार्डियो एक्सरसाइज होती है जो हृदय के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।

दूसरी खास बात यह है कि साइकलिंग एक ऐसा स्पोर्ट है जिसमें शरीर की रिकवरी सबसे जल्द होती है। नियमित रूप से साइकिलिंग करने के अनेक लाभ हैं, जिनमें शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा कैलोरी की खपत, एक्स्ट्रा फैट को खत्म करना और मांस पेशियों को मजबूत बनाना प्रमुख हैं। सामान्य तौर पर यह देखा गया है कि साइकिलिंग में बच्चे, युवा एवं अधेड़ उम्र के लोग भी उत्साह दिखाते हैं। मैंने भी करीब 45 वर्ष की उम्र में अपने मित्रों से प्रेरित होकर साइकिलिंग प्रारंभ की और दिन-प्रतिदिन मेरी रूचि इसमें बढ़ती जा रही है। सबसे पहले साइकिल चुनने का प्रश्न सामने आता है जिसमें मुख्यता तीन तरह की साइकिल में चयन करना होता है।

एक प्रकार की साइकिल होती है जिसे माउंटेन टिरेन बाइक या एमटीबी कहते हैं, इसे हम आसानी से पहचान सकते हैं क्योंकि इसके टायर सामान्य साइकिल से चौड़े होते हैं और यह गड्ढे भरे रास्तों में या कच्चे रास्तों पर चलाने के भी काम आती है। दूसरी तरह की साइकिल हाइब्रिड साइकिल होती हैं जिनमें एमटीवी से थोड़े पतले टायर होते हैं, लेकिन उनमें शौकर होता है, जिसकी वजह से उसे भी प्लेन सड़क या गड्ढा युक्त सड़क दोनों पर चलाया जा सकता है। तीसरे प्रकार की साइकिल रोडी होती हैं, जिनमें ड्रॉप हैंडल होता है और सामान्य रूप से उनमें शौकर नहीं होता। उसे मुख्य सड़क पर ही चलाया जा सकता है।

गड्ढा युक्त सड़कों पर उसे चलाने में दिक्कत आती है, क्योंकि उसके टायर काफी पतले होते हैं और आसानी से पंचर हो जाता है। यह तीनों साइकिलें जो सामान्य तौर पर सड़क पर आपने नित्य काम करने वालों को चलाते देखा होगा उनसे अलग होती हैं। अपनी साइकिल का चयन करने के बाद इसमें अन्य चीजों का चयन करना होता है, जैसे कि गेयर के साथ या बिना गियर की साइकिल। बिना गियर की साइकिल नित्य प्रति 5 किलोमीटर से 10 किलोमीटर तक चलाने के लिए उचित रहती है, लेकिन यदि लंबी दूरी में साइकिल चलानी है या ग्रुप में अन्य लोगों के साथ चलानी है तो इसमें आपको दिक्कत आएगी, क्योंकि आप इसे ज्यादा लंबा नहीं चला सकते और जब अन्य लोगों की साइकिल में गियर होगा तो वह आपसे तेज चलेंगे। साइकिल के चयन में कुछ चीजें ध्यान देना जरूरी है, जिनमें प्रमुख है अच्छी क्वालिटी का गियर और गियर शिफ्टर, टायर और टायर के रिम की क्वालिटी, डिस्क ब्रेक, शॉकर, साइकिल की बॉडी यदि अल्युमिनियम एलॉय की हो तो ज्यादा अच्छा है, साइकिल का वजन जितना कम होगा उतना अच्छा है, साइकिल की ऊंचाई आप की ऊंचाई के अनुसार होनी चाहिए। साइकिलिंग करने के लिए उचित ड्राई फिट टी-शर्ट जिसमें पसीना जल्द सूख जाता हो या जर्सी, साइकिलिंग शॉर्ट्स जो फोम पैड या जेल पैड के हों जिससे आप साइकिल की सीट पर देर तक बैठ सकते हो, धूल-मिट्टी से बचने के लिए चश्मा, अच्छी क्वालिटी का हेलमेट, दस्ताने अच्छी क्वालिटी की जुराबें और जूते प्रमुख हंै।

यदि आप साइकिलिंग सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करते हो तो कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। साइकिल में उचित लाइट, जिनमें हेड लाइट, टेल लाइट एवं ब्लिंकिंग लाइट प्रमुख हैं। इसके अलावा पंक्चर रिपेयर किट, हवा भरने का पंप और टूल किट जरूर रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे समय में साइकिल रिपेयर शॉप के खुली होने की संभावना बहुत कम होती है। यदि आप धूप में साइकिल चलाते हैं तो आपको धूप की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनब्लॉक वाली टीशर्ट और स्लीव्स का उपयोग करना चाहिए और साथी सनस्क्रीन लोशन भी लगाना चाहिए। अन्यथा यदि आप लंबे समय तक साइकिल चलाएंगे तो आपके हाथ और पांव अलग से काले दिखाई देने लगेंगे।

साइकिल लेते समय साइकिल की एसेसरीज भी बहुत महत्व रखती हैं जैसे कि घंटी, बॉटल होल्डर, मोबाइल होल्डर या बैग, टूल बैग, सीट, स्टैंड, मडगार्ड। कोशिश करनी चाहिए कि हम जब साइकिल चलाएं तो साथ में एक या दो कोराइडर जरूर हो। लंबी दूरी के लिए साइकिल चलाने के लिए ग्रुप में चलाना ही सबसे उचित है। जब आप साइकिल चलाने में पारंगत हो जाएं तो साइकिलिंग प्रतिस्पर्धा में भी भाग ले सकते हैं, जिन्हें भारत में प्रोफेशनल तरीके से कराया जा रहा है। आप 200, 300, 600, 1000 और 1200 किलोमीटर तक भी साइकिल चलाने के इवेंट में भाग ले सकते हैं, जो अपने आप में आपको फिट होने का आत्मविश्वास दिलाएगा और आपके जीवन में एक नया रोमांच पैदा करेगा।

साइकिलिंग करते समय शरीर का पसीना बहुत निकल जाता है इसलिए खुद को ठीक तरीके से हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में पानी, इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थ एवं अन्य पोषक चीजें बहुत जरूरी हैं। लंबी दूरी की साइकिल चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होगी और ऐसे में अनाप-शनाप चीजों को खाने से बचने के लिए आपके पास ग्लूकोस बिस्किट, बादाम केले, एनर्जी बार या जेल जैसी चीजें होनी चाहिए। दूसरी बहुत ही ध्यान रखने वाली चीज यह है कि यदि आप लंबी दूरी के साइकिल चलाते हैं तो आपके पास एक स्पोर्ट वॉच होनी चाहिए, जिससे आपकी हृदय गति, आॅक्सीजन सैचुरेशन एवं अन्य जरूरी पैरामीटर्स की जांच होती रहे और अलर्ट आते रहे।

कभी भी ज्यादा थकान या ज्यादा हृदय गति होने पर विश्राम ले लेना चाहिए और हृदय गति सामान्य होने पर ही साइकिल चलानी चाहिए। ऐसे लोग जिन्हें रक्तचाप, हृदय की बीमारी हो या नर्वस सिस्टम की या अन्य बीमारी हो, उन्हें अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही लंबी दूरी की साइकिल चलानी चाहिए। सामान्य तौर पर साइकिल चलाने की स्पीड 10 से 15 से किलोमीटर प्रति घंटा की निकल कर आती है। वहीं, जो नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं उनकी स्पीड 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक भी आ जाती है। जो प्रोफेशनल साइकिल चलाते हैं और रोडी या हाइब्रिड साइकिल का प्रयोग करते हैं 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड भी निकाल लेते हैं।