कार शोरूम के मालिक मालिक बनकर बैंक मैनेजर को लगाते थे चुना
भाजपा विधायक के भाई के खाते से लाखों रूपए कर लिए थे ट्रांसफर
गाजियाबाद। एसपी सिटी की सर्विलांस टीम और नगर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्जी कॉल सेंटर खोल कर ठगी करने वाले 9 शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से चार लाख 40 हजार रुपए की नकदी, 22 सिम कार्ड, 24 मोबाइल, 45 एटीएम कार्ड, 6 चेक बुक, आधार कार्ड की 6 फोटो कॉपी और 2 कार बरामद किया गया। आरोपितों ने इसी माह गाजियाबाद के व्यापारी के खाते से करीब 16 लाख रुपये की ठगी की थी। मंगलवार को अपने कार्यालय में एसपी सिटी अभिषेक वर्मा ने सीओ फस्र्ट अभय कुमार मिश्र,सीओ सेकेंड अवनीश कुमार की मौजूदगी में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार शातिरों में पुनीत कुमार उर्फ डंपी निवासी फरीदाबाद हरियाणा, विनय यादव उर्फ बबलू निवासी लोनी, मुन्ना साहू निवासी पश्चिमी बंगाल, विशाल शर्मा उर्फ काचू निवासी फरीदाबाद, पवन माझी निवासी बिहार, ब्रजमोहन निवासी बिहार, कपिल निवासी मथुरा, चेतन निवासी मथुरा और अफसर अली निवासी खोड़ा को घंटाघर कोतवाली थाना प्रभारी संदीप सिंह, एसआई राजकुमार कुशवाह, नरेन्द्र कुमार, सचिन कुमार की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया गैंग बड़े रसूखदार और कार एजेंसियों के मालिकों के नाम से बैंक मैनेजरों को कॉल कर झांसे में लेकर रकम ऐंठने का धंधा करता था। यह लोग फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड पर फोटो मिक्सिंग कर फर्जी आईडी बनाकर उन पर सिम लेते थे और उन नंबरों को अकाउंट में अपडेट करवाते थे। जिससे इनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं हो। अकाउंट नंबरों का इंतजाम होने के बाद कॉलिंग करने के लिए फर्जी आईडी पर फर्जी सिम खरीदते थे तथा यह पता लगाते थे कि कार शोरूम का खाता किस बैंक में है और उस शोरूम का मैनेजर कौन है। इसके बाद मैनेजर के नाम से अपने नंबर को ट्रूकॉलर पर सेव कर लेते थे और उसी मैनेजर का फोटो भी लगा लेते थे। जिसके बाद शोरूम का मालिक बंद कर उस बैंक के मैनेजर से बात करते थे। उन्होंने बताया कि कुछ दिन तक बैंक के मैनेजर से बात करने के बाद वह विश्वास में आ जाता था। इसके बाद बैंक के मैनेजर को फोन करके कहते थे कि आरटीजीएस के लिए मेल कर रहा हूं, अर्जेंट है। आप इतनी रकम आरटीजीएस कर दीजिए। जिस पर बैंक मैनेजर रुपए ट्रांसफर कर दिया करते थे। जिस खाते में रुपए ट्रांसफर होते थे उस खाते से अन्य खातों में विशाल शर्मा पेटीएम के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया करता था। ठगी होने के बाद सिम तोड़कर फेंक दिया करते थे। गिरोह का सरगना विनय यादव है। आरोपितों ने सात दिसंबर को गढ़ विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रहे राम नरेश रावत के भाई राजनगर निवासी पुष्पेंद्र रावत के पीएनबी खाते से 8,56,300 रुपये विश्वनाथ के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में और 7,35,600 रुपये सुधीर के कोटक महिद्रा बैंक के खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि दोनों ट्रांजेक्शन पुष्पेंद्र की फर्म मांगेराम एंटरप्राइजेज के कैश क्रेडिट खाते से की गई थीं। इसके तहत वह हुंडई की गाडिय़ों की एजेंसी चलाते हैं। कैश क्रेडिट खातों से बैंक अधिकारी खाताधारक की आधिकारिक ई-मेल आइडी से मेल किए जाने और पंजीकृत मोबाइल नंबर से काल आने पर दूसरे खातों में रकम ट्रांसफर कर देते हैं। उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर लोनी के एक मकान से पकड़े गए शातिर अब तक बहुत से लोगों के साथ इसी तरीके से ठगी कर चुके हैं।