यीडा सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह की पहल, युवा कर सकेंगे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, रोजगार के लिए मिलेगा प्रशिक्षण

-यमुना प्राधिकरण 96 गांव में खोलेगा लाइब्रेरी, डूंगरपुर रीलखा में लाइब्रेरी का संचालन शुरू
-हर गांव में खोला जाएगा कौशल विकास केंद्र, जरूरत के मुताबिक मिलेगा प्रशिक्षण

ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह की पहल युवाओं को बड़ी राहत देगी। हर गांव में लाइब्रेरी और कौशल विकास केंद्र खुलने से युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी। प्राधिकरण ने एक गांव में लाइब्रेरी शुरू कर दी है। जबकि 5 और गांव में जल्द ही लाइब्रेरी का संचालन शुरू हो जाएगा। एक लाइब्रेरी के निर्माण पर करीब 30 लख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

यमुना प्राधिकरण के अधीन 96 गांव आते हैं। इन गांवों में विकास की जिम्मेदारी प्राधिकरण के ऊपर है। प्राधिकरण गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित कर रहा है। अब इसी क्रम में प्राधिकरण युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़ी पहल शुरू की है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने एक ऐसी योजना तैयार की है, जिससे युवाओं को प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने वाली फैक्ट्री में आसानी से रोजगार मिल सकेगा। साथ ही वह प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कर सकेंगे। यहां पर ऐसी सुविधाएं विकसित की जा रही है, जिससे युवाओं को काफी लाभ मिलेगा।

ये सुविधा दी जा रही है लाइब्रेरी में

प्राधिकरण सभी 96 गांव में लाइब्रेरी और कौशल विकास केंद्र की स्थापना करेगा। लाइब्रेरी के निर्माण की शुरुआत हो चुकी है। पहले चरण में 6 गांव में लाइब्रेरी का निर्माण कार्य चल रहा है। डूंगरपुर रीलखा गांव में लाइब्रेरी का निर्माण पूरा हो चुका है और इसका संचालन भी शुरू कर दिया गया है।जगनपुर अफजलपुर, मुंज खेड़ा, सलारपुर समेत पांच और गांव में लाइब्रेरी का संचालन 31 अगस्त तक शुरू हो जाएगा। एक लाइब्रेरी के निर्माण पर करीब 30 लख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लाइब्रेरी भवन के साथ 6 टेबल, 24 कुर्सी और डेढ़ सौ से अधिक पुस्तके रखवाई गई है। जो भी जरूरत होगी उसकी व्यवस्था निरंतर की जाती रहेगी।

कौशल विकास केंद्र में मिलेगा प्रशिक्षण
यमुना प्राधिकरण कौशल विकास केंद्र की भी स्थापना कराएगा। प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाली फैक्ट्री में करीब 7 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इसको ध्यान में रखकर कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी। यहां लगने वाली औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि उन्हें औद्योगिक कार्यों में बेहतर नौकरी मिल सके। पहले चरण में उन युवाओं को मौका मिलेगा, जिनकी जमीन प्राधिकरण नेअधिग्रहित की है।