लखनऊ में आबकारी दुकानों की ई-लॉटरी सम्पन्न, 1041 दुकानों का पारदर्शी आवंटन

  • आबकारी विभाग की ऐतिहासिक प्रक्रिया, प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में निष्पक्ष आवंटन

लखनऊ। आबकारी विभाग की फुटकर दुकानों के आवंटन की ई-लॉटरी प्रक्रिया गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में संपन्न हुई। यह ऐतिहासिक प्रक्रिया जिलाधिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति के समक्ष पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई। इस लॉटरी के तहत 1041 फुटकर दुकानों का निष्पक्ष और डिजिटल प्रणाली से आवंटन किया गया।

इतनी बड़ी संख्या में आबकारी दुकानों का हुआ आवंटन
  • देशी शराब की दुकानें – 543
  • कंपोजिट शॉप – 400
  • मॉडल शॉप – 56
  • भांग की दुकानें – 42

ई-लॉटरी के आयोजन के दौरान जूपिटर हॉल में भारी संख्या में आवेदक मौजूद रहे। पारदर्शी और निष्पक्ष व्यवस्था के चलते किसी भी तरह की अव्यवस्था या विवाद की स्थिति नहीं बनी।

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में हुआ लॉटरी आवंटन

इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी के लिए जिले के शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। समिति के सदस्य के रूप में—

कमलेश कुमार दीक्षित (पुलिस उपायुक्त, अपराध, कमिश्नरेट लखनऊ)
नीरज वर्मा (उप आबकारी आयुक्त, लखनऊ प्रभार)
करुणेन्द्र सिंह (जिला आबकारी अधिकारी, लखनऊ)
इसके अलावा, राकेश सिंह (अपर जिलाधिकारी, टी.जी.), राकेश कुमार सिंह (अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व), ज्ञान चन्द्र गुप्ता (नगर मजिस्ट्रेट, लखनऊ) सहित अन्य उप जिलाधिकारी और अपर नगर मजिस्ट्रेट मौजूद रहे।

ई-लॉटरी की पूरी प्रक्रिया आई.ए.एस. अधिकारी अनुराग यादव (प्रमुख सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग) के पर्यवेक्षण में हुई, जिससे इसका निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन सुनिश्चित किया गया।

क्या है ई-लॉटरी प्रक्रिया, और क्यों है यह ऐतिहासिक?

आबकारी विभाग द्वारा अपनाई गई ई-लॉटरी प्रक्रिया एक डिजिटल और स्वचालित प्रणाली है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। इस प्रणाली के तहत:

  • बिना किसी हेरफेर या अनुचित दबाव के, निष्पक्ष आवंटन किया जाता है।
  • पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड और ऑनलाइन होती है, जिससे कोई भी गड़बड़ी संभव नहीं।
  • न्याय संगत आवंटन प्रणाली के कारण छोटे आवेदकों को भी समान अवसर मिलता है।

पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आबकारी दुकानों का आवंटन एक डिजिटल लॉटरी प्रणाली से सफलतापूर्वक किया गया, जो लखनऊ प्रशासन की पारदर्शी कार्यशैली को दर्शाता है।

आगे क्या? लॉटरी जीतने वालों को क्या करना होगा?

ई-लॉटरी में सफल आवेदकों को निर्धारित समय सीमा में आवश्यक शुल्क जमा कर आबकारी अनुज्ञापत्र प्राप्त करना होगा। प्रशासन ने आवंटित दुकानों के लाइसेंस धारकों को समय पर सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करने की सलाह दी है।

लखनऊ में यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता का बड़ा उदाहरण बनी, जिससे भविष्य में अन्य जिलों के लिए भी यह एक आदर्श मॉडल बन सकता है।

जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह का बयान

लखनऊ में आबकारी दुकानों की ई-लॉटरी प्रक्रिया की सफलता पर जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने कहा:

“हमने इस बार आबकारी दुकानों के आवंटन के लिए पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी ई-लॉटरी प्रणाली अपनाई, जिससे कोई भी गड़बड़ी या पक्षपात की संभावना नहीं रही। यह लखनऊ में निष्पक्षता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि सभी आवेदकों को समान अवसर मिले और लॉटरी प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हो।”

उन्होंने आगे कहा कि “इस बार 1041 दुकानों का आवंटन किया गया, जिसमें देशी शराब, कंपोजिट शॉप, मॉडल शॉप और भांग की दुकानें शामिल हैं। आबकारी विभाग इस प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जो भी आवेदक लॉटरी में सफल हुए हैं, वे निर्धारित समय में सभी औपचारिकताएँ पूरी करें और अपने अनुज्ञापत्र प्राप्त करें।”

“लखनऊ प्रशासन ने पहली बार इतनी व्यापक और डिजिटल प्रक्रिया अपनाई है, जिससे आने वाले वर्षों में भी इसी तरह पारदर्शी प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा।”