गाजियाबाद। उड़ीसा राज्य से कैंटर वाहन में गांजा छिपाकर दिल्ली, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश सप्लाई में सप्लाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय गांजा तस्कर को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से 60 लाख रुपये का गांजा बरामद किया गया। पकड़ा गया आरोपी उड़ीसा राज्य से कैंटर गाड़ी में गांजा छिपाकर लेकर आता था और उसे दिल्ली, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश सप्लाई में डिमांड अनुसार सप्लाई करता था। आज भी मुरादनगर में गांजा सप्लाई के लिए कैंटर गाड़ी लेकर आया था, मगर उससे पहले ही क्राइम ब्रांच की टीम ने तस्कर को दबोच लिया। लोहिया नगर स्थित अपने कार्यालय में मंगलवार को गांजा तस्करी की घटना का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि मंगलवार सुबह मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने मेरठ रोड मुरादनगर क्षेत्र से संतोष पुत्र छोटेलाल निवासी ग्राम हीरापुर मिरहची जनपद एटा को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से घटना में प्रयुक्त कैंटर वाहन और उसके अंदर छिपाकर रखी गई 60 लाख रुपये कीमत की 120 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।
एडीसीपी क्राइम ने बताया पकड़ा गया आरोपी 12वीं पास है और पारिवारिक स्थिति खराब थी और उसका छोटा भाई गूंगा व बहरा है। इसलिए बडी गाडी (ट्रक व कैन्टर) की ड्राइवरी का काम करता था। लेकिन ड्राइवरी में अधिक कमाई न होती थी। इस बीच इसकी मुलाकात अनोज पुत्र शिवराम सिंह निवासी नगला हरिसिंह पोस्ट मोजपुर शहजादपुर जनपद-मैनपुरी से हुई। जो उड़ीसा राज्य से गांजा तस्करी करने व करवाने का काम करता था। अनोज ने संतोष को बताया कि उड़ीसा राज्य से गांजे की तस्करी करने मे काफी फायदा होता है तो वह अनोज के साथ मिलकर उड़ीसा से गांजा तस्करी का काम करने लगा। गांजा तस्करी के लिए पैसे व गाडी अनोज उपलब्ध कराता था। उड़ीसा राज्य से गांजे की तस्करी करके लाने पर उसे अनोज से प्रत्येक चक्कर के 40 से 50 हजार रुपये मिलते थे।
तस्कर संतोष वर्ष 2021 में उड़ीसा से लाकर गांजा तस्करी में जनपद मैनपुरी से जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद फिर से गिरोह बनाकर गांजा तस्करी का काम करने लगा। जिसमें वर्ष 2022 में गैंगस्टर में जेल गया। जेल में करीब 9 माह रहने के बाद जमानत पर बाहर आकर लोगों की डिमांड अनुसार गांजा तस्करी करने लगा। कैंटर गाड़ी में उड़ीसा से गांजा लोड करके चलता तो अपना फोन बंद कर लेता था। जिससे उस कोई ट्रेस न कर सकें। गांजे को तयशुदा स्थान पर पहुंचने के बाद ही अपने फोन को चालू करता था। आरोपी पिछले करीब 5 वर्षों से गांजा तस्करी का काम कर रहाहै। पूछताछ में तस्कर से कई अहम जानकारी मिली है, जिस पर काम किया जा रहा है। गांजे की खरीद-फरोख्त करने वालों की गिरफ्तारी के लिए टीम दबिश दे रही है।