गोरखपुर डीएम कृष्णा करुणेश को मिला मंडलायुक्त का अतिरिक्त प्रभार। करीब दो सप्ताह पहले मुख्यमंत्री का गौतमबुद्ध नगर दौरा हुआ था। उससे एक दिन पहले धरना समाप्त कराया गया था। इससे मुख्यमंत्री काफी नाराज थे। इसके बाद अटकलें लगने लग गई थीं कि जल्द ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से रितु माहेश्वरी को रवाना कर दिया जाएगा। नए सीईओ के आगे किसानों की मांग और सरकार के बीच मध्यस्थता करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार रात चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है।
गोरखपुर के मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का सीईओ बनाया है। वहीं सचिव नगर विकास रंजन कुमार का तबादला सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के पद पर भेजा गया है।
सचिव स्वास्थ्य रविंद्र को सचिव नगर विकास बनाया गया है। डीएम गोरखपुर कृष्णा करुणेश को मंडलायुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को करीब आठ महीने बाद स्थायी सीईओ मिल गया है। हालांकि रितु माहेश्वरी नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनी रहेंगी।
आईएएस रवि कुमार एनजी साल 2004 के आईएएस अधिकारी हैं, 2004 बैच के यूपी कैडर के आईएएस हैं। उन्होंने अपने प्रशासनिक सेवा की शुरुआत यूपी के झांसी से की थी। वह अब तक लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, उन्नाव, मथुरा और अंबेडकरनगर जैसे जनपदों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कर्नाटक के रहने वाले रवि कुमार योगी सरकार में यूपी पर्यटन के महानिदेशक और संस्कृति एवं धार्मिक मामलों के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। साथ ही वो केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर वह पूर्व जल मंत्री उमा भारती के निजी सचिव रह चुके हैं। साल 2021 में उनका तबादला गोरखपुर मंडल का आयुक्त नियुक्त किया गया था और अब उन्हें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सीईओ बनाया गया है।
बीते दिनों ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और किसानों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी, जहां किसानों ने अथॉरिटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर लंबे वक्त तक धरना दिया था। करीब दो सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर के दौरे पर आए थे और उससे एक दिन पहले ही प्राधिकरण ने किसानों को समझा कर धरने को खत्म कराया था। हालांकि किसानों की मांगों को हल करने के लिए भी ठोस पहल नहीं की जा रही थी। करीब दो सप्ताह पहले मुख्यमंत्री का गौतमबुद्ध नगर दौरा हुआ था। उससे एक दिन पहले धरना समाप्त कराया गया था। इससे मुख्यमंत्री काफी नाराज थे। इसके बाद अटकलें लगने लग गई थीं कि जल्द ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से रितु माहेश्वरी को रवाना कर दिया जाएगा। नए सीईओ के आगे किसानों की मांग और सरकार के बीच मध्यस्थता करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।