न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन तक चलेगा रोप-वे

-जीडीए ने एनएचएलएमएल को रूट का सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेजा पत्र

गाजियाबाद। जीटी रोड पर जाम से निजात दिलाने के लिए न्यू बस अड्डा शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन तक अब रोप-वे चलाने की कवायद की जा रही है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने करीब 5 किलोमीटर लंबे इस रूट पर रोप-वे चलाने के लिए नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) को इस रूट का सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पत्र भेज दिया हैं। जीडीए के पास फंड की कमी होने के चलते इस भीड़ वाले क्षेत्र में रोप-वे चलाने के लिए योजना पर काम शुरू कर दिया है। एनएचएमएल की टीम इस पूरे रूट का सर्वे करने के बाद इसकी फिजिबिलिटी को चेक करेगी। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के फाइनल होने के बाद रोप-वे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकेगा। इसके बाद इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाएगी। डीपीआर फाइनल होने के बाद इसके लिए कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।

राकेश कुमार गुप्ता
जीडीए चीफ इंजीनियर

जीडीए के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जीडीए के पास फंड की कमी है। इस रूट पर जाम की समस्या रहती है। इसलिए रोप-वे चलाने की प्लानिंग की जा रही है। रोप-वे की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए एनएचएलएमएल कंपनी को पत्र भेजा गया है। नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच भीड़भाड़ वाला क्षेत्र होने की वजह से यहां पर रोप-वे चलाने का निर्णय लिया गया है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसकी डीपीआर बनाने के लिए पत्र भेजा गया हैं। यह बात दीगर है कि मोहननगर से वैशाली तक रोप-वे चलाने के प्रोजेक्ट पर जीडीए की बोर्ड बैठक में पहले ही प्रस्ताव निरस्त हो चुका है। लेकिन अब जीडीए अन्य दो रूट पर प्रस्तावित रोप-वे पर काम शुरू कराने की तैयारी कर रहा है।

जीडीए ने अब गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के बीच रोप-वे चलाने के लिए इस पर काम शुरू कर दिया है। जीडीए की ओर से भेजे गए पत्र में रोप-वे का सर्वे और डीपीआर जल्द बनाने के लिए कहा गया है। जीडीए का इस पर कोई रुपए खर्च नहीं होगा। एनएचएलएमएल द्वारा खुद ही रोप-वे का संचालन किया जाएगा। इसके चलने से लोगों को यहां से आने-जाने की सुविधा मिल सकेगी।रेलवे स्टेशन को मेट्रो स्टेशन के साथ जोड़ा जाना कठिन काम है। जीडीए के चीफ इंजीनियर आरके गुप्ता ने बताया कि यह क्षेत्र भीड़भाड़ वाला है। रोप-वे से आसानी से रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन तक आवाजाही हो सकेगी।

बता दें कि जीडीए बोर्ड बैठक में शहर में चार रूट पर रोप-वे चलाने के लिए प्लानिंग करते हुए प्रस्ताव रखा गया था। इसमें वैशाली से मोहननगर, नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद, नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन और हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन से राजनगर एक्सटेंशन के बीच रोप-वे चलाने की प्लानिंग की थी। मगर जीडीए बोर्ड बैठक में दो रूट का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था। जीटी रोड पर फिलहाल जाम अधिक रहता है।

हाईस्पीड ट्रेन का भी इस्तेमाल कर सकेंगे यात्री
रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के यात्रियों को दोनों जगह पर आने और जाने के लिए प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ता है। इसकी वजह से उनका टाइम बर्बाद होता है। सड़क पर जाम भी लगता है। रोप-वे का संचालन शुरू होने से मेट्रो ट्रेन के यात्री रेलवे स्टेशन तक आ-जा सकेंगे। रोप-वे के यात्री हाईस्पीड ट्रेन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के पास ही हाईस्पीड ट्रेन का स्टेशन लिंक होगा। एनएचएलएमएल की टीम पहले इस पूरे रूट का सर्वे करेगी। इसके बाद इसकी फिजिबिलिटी को चेक किया जाएगा। फिजिबिलिटी फाइनल होते ही इसकी डीपीआर बनाई जाएगी।

डीपीआर फाइनल होने के बाद इसके टेंडर जारी किए जाएंगे।रोप-वे के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से अलग-अलग जिले के लिए 13 प्रस्ताव बनकर एनएचएलएमएल के पास पहुंचे हैं। वाराणसी में इस प्रॉजेक्ट में काफी प्रगति भी है।रोप-वे की क्षमता का आंकलन दो प्रकार से किया जाता है। पहला टन ऑवर यह मैटेरियल रोप-वे की क्षमता को बताता है। मान लें किसी रोपवे की क्षमता 1000 टन,ऑवर है तो इसका मतलब है यह मैटीरियल रोपवे एक घंटे में 1000 टन मैटीरियल को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचा सकता है। दूसरा पैसेंजर/आवर यह पैसेंजर रोपवे की क्षमता को बताता है।किसी रोपवे की क्षमता 1000 पैसेंजर/आवर है तो इसका मतलब है यह पैसेंजर रोपवे एक घंटे में 1000 पैसेंजर को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचा सकता है।