खेतों में ड्रोन के जरिए कीटनाशक और यूरिया खाद का हो सकेगा छिड़काव

गाजियाबाद। अगर सब कुछ सामान्य रहा, तो जिले के किसान आने वाले दिनों में अपने खेतों में ड्रोन के जरिए कीटनाशक और यूरिया खाद का छिड़काव करा सकेंगे। सहकारिता विभाग द्वारा गांवों की सोसायटी में किराए पर ड्रोन को उपलब्ध कराएगा। इसके लिए सहकारिता विभाग द्वारा इफको को प्रस्ताव भेज चुका हैं। इफको द्वारा इस पर जल्द कार्य शुरू किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा सोसायटी में किसानों के अलावा श्रमिकों को भी जोड़ा जाएगा। ताकि उन्हें गांवों में भी रोजगार मिल सकें। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता विभाग श्रद्धा अनंग ने बताया कि जिले में कृषि के आधुनिकीकरण और किसानों के लाभ के लिए सहकारी विभाग गांवों की 24 सोसायटी में ड्रोन उपलब्ध कराएगा। ड्रोन के माध्यम से किसान अपने खेतों में रासायनिक एवं कीटनाशक छिड़काव के अलावा कृषि कार्य आसानी के साथ किए जा सकेंगे। इसको लेकर जल्द ही विभागीय स्तर से कार्रवाई शुरू हो सकती है।

जिला सहकारी विभाग कृषि संबंधी कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल की योजना बना रहा है। ताकि जल्द कृषि सहकारी समिति को ड्रोन उपलब्ध कराए जा सकें। इसके लिए एक ऑपरेटर को भी तैनात किया जाएगा। फसलों पर कीटनाशक, यूरिया और अन्य रसायनों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किसान करा सकेंगे। इस संबंध में इंडियन फॉर्मर कॉरपोरेशन (इफको) के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है। वहां से जवाब आने के बाद इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

सहायक आयुक्त का कहना है कि खेती के कार्यों में ड्रोन का इस्तेमाल करने से छोटे की तुलना में बड़े किसानों को अधिक लाभ होगा। ड्रोन से सिंचाई और एक स्थान पर रहकर पूरे खेत की निगरानी की जा सकेगी। हाल के दिनों में ड्रोन का इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं में भी होने लगा है। इसके अलावा कई बार ड्रोन के माध्यम से लोगों की खुफिया निगरानी की जाती है। ऐसे में निजता के प्रति अतिसंवेदनशील ग्रामीण समाज में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर संदेह पैदा होना स्वाभाविक है। लोगों के संदेह के निराकरण के लिए सहकारिता विभाग सुरक्षा उपायों पर भी ध्यान रखेगा।सहकारी समिति में ड्रोन को रखवाने से पूर्व स्थानीय पुलिस को भी इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। ऑपरेटर बगैर सहकारी समिति के अनुमति के ड्रोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। समिति की ओर से निर्धारित किया जाएगा कि किसानों को कैसे ड्रोन दिया जाएगा।