-क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचे दो अंतर्राज्यीय अफीम तस्कर, 2.100 किलोग्राम अफीम बरामद
गाजियाबाद। जिले में अवैध रूप से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के नेटवर्क को क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की टीम तोड़ने का काम कर रही है। जिले के साथ बाहरी राज्यों में होने वाली तस्करी को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम के मजबूत नेटवर्क के आगे मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले संगठित गिरोह का नेटवर्क कमजोर साबित हो रहा है। गौरतलब हो कि जिले में अपराधियों पर शिकंजा कसने के साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह का पूर्व में कई बार पर्दाफाश कर चुकी है। जिसका खौफ आज भी अपराधियों में दिखाई भी देता है। एक बार से क्राइम ब्रांच की टीम ने झारखंड से तस्करी कर गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर में सप्लाई के लिए लाई जा ही 55 लाख की अफीम को जब्त करते हुए तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय दो तस्करों को भी सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है। जो कि मार्च माह में क्राइम ब्रांच की टीम गिरफ्तार कर जेल भेज भेजा था। मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों का एक संगठित गिरोह है। गिरोह के सदस्य इतने शातिर है कि तस्करी के दौरान झारखंड से तस्करी के दौरान बीच-बीच में ट्रेन और बस बदल-बदल कर सप्लाई करने वाले अड्डे पर पहुंचते है। साथ ही माल डिलीवरी होने तक अपने मोबाइल को भी बंद कर लेते है, जिससे कोई उन्हें ट्रेस न कर सकें। मगर क्राइम ब्रांच टीम के आगे उनका सारा शातिरपना धरा का धरा रह गया। माल डिलीवरी होने से पहले ही टीम ने उन्हें दबोच लिया।
एडीसीपी क्राइम ब्रांच सच्चिदानंद ने बताया शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी और थाना मुरादनगर पुलिस की टीम ने मुरादनगर क्षेत्र में तस्करी की फिराक में खड़े संजय भूईया पुत्र बूटा भूईया, रामचन्द्र भूईया पुत्र केदार निवासी ग्राम असडिया जनपद-चतरा झारखंड को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 2.100 किलोग्राम अफीम जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 55 लाख रुपये है, को बरामद किया गया है। पकड़े गए तस्कर झारखंड राज्य के चतरा जिले से गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ऑन डिमांड तस्करी के लिए अफीम लेकर आए थे। संजय भूईया अनपढ़ है और पूर्व में होटल पर खाना बनाने का काम करता था। जब उसमें फायदा नहीं हुआ तो जिला चतरा के ही रहने वाले अफीम तस्कर प्रकाश के संपर्क में आया और जो अफीम की तस्करी झारखंड से बाहर भारत के कई राज्यों मे करता था। संजय भूईया ने भी अफीम तस्कर प्रकाश से माल लेकर अवैध अफीम की तस्करी झारखण्ड से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व दिल्ली एनसीआर में आकर करना शुरु कर दिया।
रामचन्द्र भूईया 10वीं पास है और वह पहले सरिया शटरिंग का काम दिहाड़ी मजदूरी पर करता था। जब उसमें उसे बचत नहीं मिली तो उसने भी अफीम तस्कर प्रकाश के संपर्क में पहुंच कर तस्करी करने लगा। जिसमें इन्हें प्रत्येक चक्कर के 20 हजार रुपये मिलते थे। उसके बाद जब काम में फायदा होने लगा और खुद के नेटवर्क बनने लगे तो प्रकाश का साथ छोड़कर अपने माल की खुद तस्करी करनी शुर दी। जिसमें उन्हें और अधिक फायदा होने लगा। पिछले 1 साल से लगातार आरोपी तस्करी का काम कर रहे थे। एडीसीपी क्राइम ने बताया पकड़े गए आरोपी तस्करी के मामले में पूर्व में कई बार वह जेल जा चुके है। जब उन्हें फोन पर अफीम की जितनी डिमांड मिलती थी तो उतनी अफीम को लेकर वह टे्रन व बस बदल-बदल कर आते थे। जिसको माल देना होता था, उसकी जगह पहले ही तय कर लेते थे। इस बीच वह दोनों किसी से भी संपर्क नहीं करते थे। बरामद अफीम को आज यह लोग गाजियाबाद में डिलीवरी के लिए आए थे। तस्करों से कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है जिस पर टीम काम कर रही है।