द साबरमती रिपोर्ट फिल्म गोधरा कांड का सच: डॉ अंतुल तेवतिया

-जिला पंचायत अध्यक्ष ने अधिकारियों और कर्मचारियों संग कार्यालय में देखी फिल्म

उदय भूमि
बुलंदशहर। साल 2002 में हुए गुजरात के गोधरा कांड के बारे में शायद ही कोई नहीं जानता होगा। अयोध्या से निकली साबरमती एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगने से हुए हादसे में 59 मासूम लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इस मामले की पड़ताल कम और इसपर राजनीति ज्यादा हुई। सच क्या था और क्या दिखाया गया यह कोई शायद ही जानता था। मगर आज  फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखने के बाद इसके पीछे का सच सामने आ रहा है। जिला पंचायत सभागार में मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ अंतुल तेवतिया ने अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाटी के साथ फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखी। उनके साथ जिला पंचायत सदस्य और स्टॉफ ने भी फिल्म देखी। फिल्म देखने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ अंतुल तेवतिया ने कहा कि 27 फरवरी 2002 को साबरमती ट्रेन में घटित अग्नि दुर्घटना के बारे में फिल्म में सच्चाई दिखाई गई है।

यह साहसिक फिल्म है इसे सभी लोगों को देखना चाहिए। यह सच्चाई लोगों के सामने आ रही है और वह भी इस तरह से कि आम लोग इसे देख सकें। उन्होंने कहा कि एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है, तथ्य हमेशा सामने आते हैं। उन्होंने कहा फिल्म के माध्यम से गोधरा कांड की सच्चाई सबके सामने आ चुकी है। सच्चाई को अंधकार में दबाकर नहीं रखा जा सकता। दुर्भाग्य ये है कि इस सच्चाई को सामने आने में 22 साल से अधिक लग गए। यह फिल्म अपने-आप में बहुत कुछ कह रही है। इस देश के प्रजातंत्र के जो चार प्रहरी हैं जिनके ऊपर दायित्व है सच को सामने लाने का उनको अपने-अपने रोल पर पूरा ध्यान देना चाहिए और अपने दायित्व को पूरी तरह से निभाते हुए सच जितनी जल्दी हो सके उसको सामने लाना चाहिए।

देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। इस मौके पर भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष सुधीर शर्मा, नाहर सिंह, सोनू लोधी, संतपाल मसीता, मांगेराम, ओंकार सिंह आदि जिला पंचायत सदस्य व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।