राष्ट्रीय ध्वज का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण : राष्ट्रपति

प्रेसिडेंट के अभिभाषण के साथ संसद में बजट सत्र शुरू

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन तिरंगे का अपमान करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वहीं संविधान हमें नियम-कानून का गंभीरता से पालन करना भी सिखाता है। रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद में शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो गया। इस दरम्यान राष्ट्रपति ने विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया। उन्होंने कोविड-19 (कोरोना वायरस) संकट, सीमा पर, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन आदि का जिक्र किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रपति ने सरकार के 3 नए कृषि कानूनों को किसान हित में बताया। उन्होंने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने 7 माह पहले 3 महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तत्काल मिलना आरंभ हो गया। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझ कर अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित कर रखा है। सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान कर उसका पालन करेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार यह साफ करना चाहती है कि 3 नए कृषि कानून बनने से पहले पुरानी व्यवस्थाओं के अंतर्गत जो अधिकार तथा सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।