नीलामी: प्रताप विहार में क्लब का 37 करोड़ में बिका भूखंड

-43 करोड़ 60 लाख 23 हजार 492 रुपए में बेचे दो भूखंड

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की प्रताप विहार सेक्टर-12 पी-ब्लॉक योजना में रिक्त कारपोरेट ऑफिस कम क्लब भूखंड नीलामी में 37 करोड़ रुपए में बेचा गया। शुक्रवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देश पर जीडीए सभागार में सुबह 11 बजे से रिक्त संपत्तियों को बेचने के लिए नीलामी का आयोजन किया गया। जीडीए अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में ओएसडी कनिका कौशिक, प्रभारी चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह, सहायक अभियंता सुरजीत वर्मा, लेखाकार योगेंद्र कुमार, वरिष्ठ सहायक प्रभात चौधरी आदि की मौजूदगी में नीलामी आयोजित की गई। नीलामी में प्रताप विहार योजना के सिर्फ दो भूखंड ही रखे गए थे। इन भूखंडों के लिए 8 आवेदन फार्म खरीदारों द्वारा जमा किए गए थे। जीडीए के अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि नीलामी में प्रताप विहार सेक्टर-11 स्थित 274.51 वर्गमीटर का बैंक भूखंड का आरक्षित मूल्य 54 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया था।

इसके अलावा प्रताप विहार सेक्टर-12 पी-ब्लॉक स्थित कारपोरेट ऑफिस कम क्लब भूखंड पी ब्लॉक का 3272.90 वर्गमीटर के भूखंड का आरक्षित मूल्य 37 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया था। नीलामी में भाग लेने वाले खरीदारों ने बढ़-चढ़कर दोनों भूखंडों के लिए बोली लगाई। इस प्रकार से प्रताप विहार योजना सेक्टर-11 का बैंक का भूखंड 59 हजार रुपए की बोली लगाई गई। यह 1,61,96090 करोड़ रुपए में बेचा गया। इसी प्रकार प्रताप विहार योजना सेक्टर-12 स्थित क्लब भूखंड सर्वाधिक 37 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर की बोली लगी। यह भूखंड 37 करोड़ 31 लाख 10,600 रुपए में बिका। जीडीए अपर सचिव ने बताया कि प्रताप विहार योजना के यह दोनों भूखंड 38,93,06690 करोड़ रुपए में बेचे गए। फ्री होल्ड चार्ज लगाकर दोनों भूखंडों की बिक्री 43 करोड़ 60 लाख 23 हजार 492 रुपए में बेचे गए। जीडीए को इन दोनों भूखंडों को नीलामी में बेचने के बाद 43.60 करोड़ रुपए की आय हुई। बता दें कि जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने शहर गाजियाबाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के चलते 6 नवंबर को हुई संपत्तियों की नीलामी से इन दोनों भूखंडों की बिक्री नहीं किए जाने के लिए इन्हें शामिल नहीं करने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को जीडीए सभागार में आयोजित की गई नीलामी में सर्वाधित बोली लगाए जाने पर दोनों भूखंडों को बोलीदाताओं ने सर्वाधित बोली लगाकर दोनों भूखंड खरीद लिए गए।