-डायबिटीज शुरू होने के कई लक्षण आरम्भ में दिखने लगते हैं जिन्हें इग्नोर न करें
-डायबिटीज को लेकर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी ने ऑनलाइन चलाया जागरूकता अभियान
गाजियाबाद। मधुमेह एक जीवन शैली से संबंधित बीमारी है। जब रक्त में शक्कर की मात्रा सामान्य स्तर से अधिक पाई जाती है तो उसे मधुमेह का रोग हो जाता है। इसलिए देश में डायबिटीज रोगियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यह बीमारी किसी आर्थिक आपदा से कम नहीं है। चालीस वर्षों में यह बीमारी साढ़े पांच गुना से अधिक बढ़ गयी है। गाँव से शहर की तरफ भागने की इस दौड़ में हम शहरी सुख सुविधाओं और उन्नत तकनीकी का लाभ तो उठा पा रहे हैं। लेकिन इस भाग दौड़ के जीवन में अव्यवस्थित जीवनशैली और तनाव की वजह से ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी आबादी में डायबिटीज के रोगी ज्यादा मिलते हैं। इस बीमारी को रोकने के लिए न केवल जागरूकता बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है। यह बातें शनिवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित छाबड़ा ने फेसबुक लाइव के माध्यम से मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा बच्चों, युवाओं, प्रौढ़ एवं बुजुर्गों सभी आयु वर्ग में मधुमेह अब विश्व में बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। भारतीय युवा आबादी में डायबिटीज के काफी रोगी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मधुमेह बीमारी में जागरूकता एवं बचाव की सबसे अहम भूमिका है।
मधुमेह रोग से बचने के लिए चीनी का सेवन करें कम
लोगों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ अमित छाबड़ा ने कहा कि हम सामान्यत: मधुमेह रोग से बचने के लिए चीनी खाना कम कर देते हैं, किंतु यह सही नहीं है, चीनी से ज्यादा हमें कैलोरी का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि पराठे में चीनी नहीं होती लेकिन उसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में वह पराठा यदि किसी को डायबिटीज होने का खतरा बना हुआ है तो उसके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। डॉक्टर छाबड़ा ने कहा कि बैलेंस डाइट एवं एक साथ ज्यादा खाना खाने की बजाय 2-3 घंटे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाना खाना एवं दिन भर की एक उचित समय सारणी बनाये तथा उसका पालन करें यह मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए एक अच्छा उपाय है।
पर्याप्त नींद के साथ मॉर्निंग वॉक एवं योग को दिनचर्या में करें शामिल:
डॉक्टर छाबड़ा ने तनाव को डायबिटीज का एक प्रमुख कारण बताया और कहा कि पारिवारिक या कार्य से जुड़ा हुआ या अन्य किसी भी प्रकार का तनाव डायबिटीज करने के लिए एक प्रमुख कारण हो सकता है। पर्याप्त 6- 7 घंटे की नींद लें, मॉर्निंग वॉक एवम योग को दिनचर्या में शामिल करें। समय अंतराल में ब्लड शुगर की जांच कराएं एवं साल में एक बार 3 महीने की मधुमेह रोग की जानकारी देने वाले टेस्ट एचबीए1सी को भी कराते रहें। उन्होंने बताया डायबिटीज शुरू होने के कई लक्षण आरम्भ में दिखने लगते हैं। जिन्हें हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए। इन लक्षणों को व्यक्ति आसानी से शुरूआत में ही पता लगा सकता है और डायबिटीज होने से बच सकता है। यदि व्यक्ति में लगभग 6-7 लक्षण मौजूद हैं तो शुगर पहचानने में देरी न करें। तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें और शुगर होने से छुटकारा पायें और स्वस्थ जीवन यापन करें।
डायबिटीज के महत्वपूर्ण लक्षण:
डायबिटीज के महत्वपूर्ण लक्षणों में व्यक्ति का वजन अचानक घटने लगता है या फिर वजन तेजी से बढने लगता है। बार बार पेशाब आना डायबिटीज होने का मुख्य लक्षण है। व्यक्ति को तेज भूख लगाना, खाना खाने के तुरन्त बाद फिर तेज खाने की इच्छा आदि भूख से सम्बन्धित समस्याऐं डायबिटीज के शुरूआती लक्षण है। बार बार फोडे-फुंसी होना या फिर शरीर पर चोट लगने कटने इत्यादि पर घाव का देर तक बना रहना डायबिटीज के लक्षण हैं। शरीर में झुनझुनहाट-व्यक्ति को शरीर के अंगों हाथों, कन्धों, जोडों, गर्दन में झुनझुनहाट महसूस होनी शुरू हो जाती है। आंखें कमजोर होना-आंखों का कमजोर होना, सामने धुंधलापन होना, दूर की नजर साफ नजर नहीं आना, अचानक आंखों में अन्धेरा छाना। चोट, घाव ठीक न होना-डायबिटीज के शुरूआती लक्षण में व्यक्ति के शरीर में लगे चोट, ठोकर घाव, चटने पर शीध्र ठीक नहीं होते। व्यक्ति चोट घाव से लम्बे समय तक ग्रस्त रहता है। ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। सुनने की समस्या-डायबिटीज का संकेत कान से भी है। ऐसे में व्यक्ति के कानों के सेल्स डैमेज हो जाते हैं और सुनने में असर पड़ता है। कानों के अन्दर झन झन की हल्की आवाज महशूस होती है। व्यक्ति को बिना वजह कभी कभी सुनाई देता है। जोकि डायबिटीज के संकेत हैं। त्वचा डार्क स्पॉट-डायबिटीज के शुरूआत में व्यक्ति की त्वचा जैसे गर्दन की पिछले भाग, घुटनों पर, कोहनियां, हथेली के पीछे हिस्से आदि पर डार्क पैचेस बढ़ जाते हैं। कालापन साफ दिखने लगता है। जो किडऩी, फेफडे, गैस, पाचन को प्रभावित करती है। इस तरह के लगभग 6-7 लक्षण यदि व्यक्ति में दिखने शुरू हो जायें तो ये डायबिटीज होने के संकेत हैं, तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें।