जीडीए को स्वर्णजयंतीपुरम में रिक्त मिले 14 भूखंड

भूखंडों को बेचकर 10 करोड़ रुपए से अधिक की होगी आय

गाजियाबाद। जीडीए को स्वर्णजयंतीपुरम योजना में 14 भूखंड रिक्त मिले हैं। इन भूखंडों को जीडीए अब बेचने की तैयारी कर रहा है। इन भूखंडों को बेचकर 10 करोड़ रुपए से अधिक की आय होगी। जीडीए ने वर्ष-1998 में स्वर्णजयंतीपुरम आवासीय योजना लॉन्च की थी। इसके बाद वर्ष-1998 से 2003 के बीच में जीडीए ने 1583 भूखंडों की 11 योजनाओं को लॉन्च किया। इच्छुक आवेदकों ने फार्म भरकर भूखंड के लिए आवेदन किया और उन्हें खरीद लिया। इसके बाद धनराशि जमा नहीं करने और छोड़ने के चलते कुछ भूखंडों का आवंटन निरस्त कर दिया। इन निरस्त 139 प्लॉटों को नियमों की अनदेखी कर फरवरी-2005 से फरवरी-2007 के दौरान जीडीए ने इन्हें पुन: बहाल कर दिया। इसकी शिकायत भाजपा के निवर्तमान पार्षद राजेंद्र त्यागी ने पहले मेरठ मंडल के कमिश्नर से की। इसके बाद वर्ष-2011 में हाईकोर्ट में राजस्व के नुकसान का दावा करते हुए याचिका दायर की। इस मामले को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है।

जबकि जांच रिपोर्ट में जीडीए के कई अधिकारी व इंजीनियर और कर्मचारी फंस रहे हैं। कोर्ट में योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए जीडीए अधिकारियों ने सृजित किए गए भूखंड और बेचे गए भूखंडों की संख्या का मिलान किया। इस दौरान उन्हें सृजित किए गए भूखंडों की संख्या बेचने वाले भूखंडों से अधिक मिली। फिर जीडीए की टीम ने मौके का सर्वे किया।सर्वे के दौरान एक एक भूखंड पर जाकर देखा गया। इस सर्वे में पता चला कि मौके पर 14 भूखंड खाली पड़े हैं।
जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि भूमि अनुभाग की ओर से किए गए सर्वे के बाद इन भूखंड की जानकारी होने पर अपने रिकार्ड में देखी तो वहां भी इनकी बिक्री करने का कोई साक्ष्य नहीं मिला। ऐसे में अब जीडीए इन भूखंडों को नीलामी में बेचेगा। इससे जीडीए को 10 करोड़ रुपए से अधिक की आय होने की उम्मीद है।

स्वर्णजयंतीपुरम योजना में खाली भूखंडों की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इन भूखंडों को बेचकर 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई हो सकती है। इसके लिए इन्हें नीलामी प्रक्रिया में शामिल करेगा, ताकि बोलीदार ज्यादा से ज्यादा बोली लगाकर इन्हें खरीद सकें। स्वर्णजयंतीपुरम योजना की तरह अन्य योजनाओं में भी भूखंड खाली हो सकते हैं। इसके लिए सभी योजनाओं में सर्वे होना चाहिए ताकि योजना में सृजित किए गए भूखंड और बेचे हुए भूखंडों की जांच की जाए। अगर किसी योजना में भूखंड खाली है, तो उन्हें भी बेचा जा सकता है।जीडीए के अपर सचिव का कहना है कि स्वर्णजयंतीपुरम योजना में जो भूखंड खाली मिले हैं। उन्हें आगामी नीलामी में रखकर बेचा जाएगा। ताकि इन्हें बेचकर जीडीए को आय अर्जित हो सकें।