अस्पताल से छुट्टी के साथ राशि, शिशु का जन्म प्रमाण पत्र दें : डॉ. भवतोष शंखधर

गाजियाबाद। सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर शिशु के माता-पिता को जन्म प्रमाण पत्र और प्रसव पर दी जाने वाली राशि के लिए अब चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ) डॉ. भवतोष शंखधर ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला चिकित्सालय, संयुक्त जिला चिकित्सालय सेक्टर-23 संजय नगर और संयुक्त जिला चिकित्सालय लोनी समेत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप-स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रसव के उपरांत चिकित्सालय से छुट्टी के साथ ही शिशु का जन्म प्रमाण-पत्र, शिशु का टीकाकरण कार्ड, शत-प्रतिशत लाभार्थियों को प्रसव पर दी जाने वाली राशि प्रदान करना सुनिश्चित करें।

सीएमओ ने बताया कि केंद्र सरकार की जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी चिकित्सालय में प्रसव कराने पर शहरी क्षेत्र में 1000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपए का भुगतान किया जाता है। यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है। सीएमओ ने कहा कि यह राशि बेहतर पोषण में काम आती है और साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में मददगार साबित होती है, समय से राशि मिलने पर योजना अपने उद्देश्य को हासिल करने में अधिक कारगर साबित होगी, इसलिए सभी सरकारी चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रसव के बाद अस्पताल से छुट्टी देने के साथ ही यह राशि लाभार्थी के खाते में भेजी जाए।

शिशु को जन्म के समय दिए जाने वाले टीके लगाने के साथ ही टीकाकरण कार्ड भी जारी करें और लगने वाले आगामी टीकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी शिशु के माता-पिता को दें। ताकि टीकाकरण में किसी तरह की चूक न होने पाए। उन्होंने कहा कि शिशु का समय से टीकाकरण उसे कई जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा चक्र प्रदान करता है। टीकाकरण बीमारियों से बचाव का सबसे सस्ता और कारगर उपाय है। इसके साथ ही शिशु का जन्म प्रमाण पत्र भी चिकित्सालय से घर भेजते समय शिशु के माता-पिता को देकर भेजे।