शिक्षक का पद महत्वपूर्ण, लोगों में शिक्षा की ज्योति जलाकर तैयार करता है एक उत्कृष्ट मानव

गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मनाया गया शिक्षक दिवस
विद्यालय एवं शिक्षक बच्चों के चरित्र निर्माता: पूनम गौतम
शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि बुराईयों को दूर कर व्यक्तित्व निर्माण करना है: तनूजा

गाजियाबाद। समाज में शिक्षक का पद अति महत्वपूर्ण होता है। यह समाज के लोगों में शिक्षा की ज्योति जलाकर एक उत्कृष्ट मानव तैयार करता है। हर शिक्षक चाहता है कि उसका छात्र उच्च शिक्षित बने ताकि शिक्षक का सपना पूरा हो सके। उक्त बातें मंगलवार को शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप शिक्षक दिवस के मौके पर प्रताप विहार स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित समारोह में बच्चों को संबोधित करते हुए डायरेक्टर आशीष गौतम ने कहीं। उन्होंने कहा विद्यालय से प्राप्त ज्ञान ही एक अच्छे व्यक्ति को जन्म देता है जो अपने विद्वता से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात होता है।

इससे पूर्व डायरेक्टर ने सबसे महान शिक्षक और विद्वान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रतिमा पर फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। विद्यार्थियो द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम डांस, म्यूजिक, ड्रामा, मिमिक्री, और अनेको प्रकार के कार्यक्रम सबका मन मोह लिया। प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने विद्यालय एवं शिक्षक बच्चों के चरित्र निर्माता हैं। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और जिनके कहने पर ही पहली बार 5 सितंबर, 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था। उन्हीं के जन्मतिथि को याद करके हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर यूनेस्को संगठन की तरफ से 2023 का थीम को कोविड-19 महामारी में बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों के लिए रखा गया है। विश्व शिक्षक दिवस 2023 का थीम है शिक्षा का परिवर्तन शिक्षकों के साथ शुरू होता है।

हर साल अलग-अलग प्रकार का थीम राष्ट्र संघ के यूनेस्को संगठन द्वारा रखा जाता है। इस साल शिक्षा का परिवर्तन शिक्षकों के परिवर्तन पर रखा गया है। ऐसा इस वजह से है क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से शिक्षा का परिवर्तन हुआ है। उपप्रधानाचार्य तनूजा ने कहा शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और सवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिए गए ज्ञान से बच्चे अपनी जिन्दगी में कामयाब होते है। शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि समाज में स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तिव निर्माण करना भी है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। भारत के पहले उपराष्ट्रपति और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को चिह्नित करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

डॉ राधाकृष्णन एक दार्शनिक, विद्वान, राजनीतिज्ञ और शिक्षक थे। पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को उनके 77वें जन्मदिन के अवसर पर मनाया गया था। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया और शिक्षा प्रदान करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। वह भारत रत्न पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी थे। उन्होंने जीवन भर शिक्षा के क्षेत्र में अपना समर्पण दिखाया और हमारे देश को एक महान शिक्षाविद् और विचारक के रूप में प्रेरित किया। एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने कहा यह माना जाता है कि माता-पिता हमारे पहले शिक्षक हैं और शिक्षक हमारे दूसरे माता-पिता हैं। विद्यार्थियों के साथ अध्यापकगण का शिक्षक दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका रहा।