बिजली विभाग में होगा बड़ा आंदोलन, रूपरेखा तैयार – Power Corporation Protest

15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार करेंगे। 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर के सिंह से दिल्ली में उन्हें ज्ञापन देंगे। 3 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, 4 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, 5 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 6 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी  हड़ताल की जाएगी। आंदोलन के समर्थन में गाजियाबाद में बिजली विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों बारिश में भीगते हुए प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

गाजियाबाद। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2021 का विरोध जारी है। इसके तहत 10 अगस्त को देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर कार्य बहिष्कार कर हड़ताल करेंगे। बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेशभर के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन समेत अनपरा, ओबरा, परीछा ,हरदुआगंज, पनकी, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, अयोध्या, बरेली, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर समेत प्रदेश के समस्त परियोजनाओं एवं जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किए।

बिजली कर्मचारियों ने ऐलान किया कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस न लिया गया तो 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल करेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का ऐलान किया है। अत: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित किये गए हैं।

संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों प्रभात सिंह, जीवी पटेल, जयप्रकाश, गिरीश पांडे, सदरूद्दीन राना, राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल, सुहेल आबिद, विनय शुक्ला, बृजेश त्रिपाठी, महेंद्र राय, डीके मिश्रा, शशिकांत श्रीवास्तव, प्रेम नाथ राय, पूसे लाल, एके श्रीवास्तव, वीके सिंह कलहंस, उत्पल शंकर, आरके सिंह, सुनील प्रकाश पाल, शंभू रतन दीक्षित, विशंभर सिंह, जीपी सिंह, पीएस बाजपेई ने लखनऊ की सभा को संबोधित कर केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली कानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 में उत्पादन का लाइसेंस समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिए बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के संपूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इस बिल में प्राविधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कंपनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कंपनियां सरकारी वितरण कंपनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी।

उन्होंने बताया कि इस बिल के विरोध में 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइस एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह को दिल्ली में ज्ञापन देंगे। 3 अगस्त को उत्तरी क्षेत्र, 4 अगस्त को पूर्वी क्षेत्र, 5 अगस्त को पश्चिमी क्षेत्र और 6 अगस्त को दक्षिणी क्षेत्र के बिजली कर्मी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन पर सत्याग्रह करेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार ने 10 अगस्त के पहले संसद में बिल रखा तो देशभर के बिजली कर्मी उसी दिन हड़ताल करेंगे।