हिंडन में पानी का स्तर हुआ कम तो शराब तस्करों ने जमाई कच्ची शराब की भट्टी धंधा जमने से पहले आबकारी विभाग ने चलाया डंडा

30 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर 800 किलोग्राम लहन किया नष्ट, हिंडन खादर क्षेत्र अवैध व कच्ची शराब का गढ़ माना जाता हैं। बरसात के मौसम में यह धंधा कम हो जाता है और जैसे ही बरसात का मौसम कम होता है एवं पानी का स्तर कम हो जाता है तो अवैध शराब के कारोबार से जुड़े माफिया फिर अपने धंधे को जमाना शुरु कर देते है। मोटे मुनाफे के चलते नकली शराब बनाने वाले मौत के सौदागर बन जाते हैं। लाभ इतना है कि यह कारोबार एक साल में ही मालामाल कर दे। 80 या 90 रुपये में बिकने वाला पौवा मात्र 15 रुपये में तैयार हो जाता है। इसलिए अवैध कारोबारियों को किसी की जान की परवाह नहीं रहती है। खुद को छोड़कर दुसरों को सेवन कराने से बिल्कुल भी परहेज नहीं करते है। कच्ची शराब गुड़, शीरा और लहन से बनती है। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें अधिक होने के कारण गुड़ और शीरा मिलने में परेशानी नहीं होती। लहन की खेती हिंडन के किनारे खूब होती है। लहन को मिट्टी में गाड़ देते हैं। एक सप्ताह बाद इसमें केमिकल का इस्तेमाल कर शराब बनाते हैं। 10 से 20 हजार रुपये की लागत से तैयार होने वाली कच्ची शराब को आसपास के क्षेत्र में बेचकर माफिया उससे दो गुना कमाते है। 

उदय भूमि
गाजियाबाद। हिंडन खादर क्षेत्र में पानी का स्तर कम होने पर एक बार फिर से अवैध शराब की भट्टियां धधकने लगी है। खादर में जहां पहले हर दिन आधा दर्जन से अधिक कच्ची शराब की भट्टी सुलगती थी, तो वहीं आबकारी विभाग की कार्रवाई के बाद से यह स्थिति माह में एक दो ही भट्टी सुलगती हुई मिल रही है। जमीनी स्तर पर आबकारी विभाग की टीम तस्करों के खिलाफ पूरी तरह से कार्रवाई कर रही है। हिंडन खादर क्षेत्र अवैध व कच्ची शराब का गढ़ माना जाता हैं। बरसात के मौसम में यह धंधा कम हो जाता है और जैसे ही बरसात का मौसम कम होता है एवं पानी का स्तर कम हो जाता है तो अवैध शराब के कारोबार से जुड़े माफिया फिर अपने धंधे को जमाना शुरु कर देते है। मोटे मुनाफे के चलते नकली शराब बनाने वाले मौत के सौदागर बन जाते हैं। लाभ इतना है कि यह कारोबार एक साल में ही मालामाल कर दे। 80 या 90 रुपये में बिकने वाला पौवा मात्र 15 रुपये में तैयार हो जाता है। इसलिए अवैध कारोबारियों को किसी की जान की परवाह नहीं रहती है। खुद को छोड़कर दुसरों को सेवन कराने से बिल्कुल भी परहेज नहीं करते है। कच्ची शराब गुड़, शीरा और लहन से बनती है।

उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें अधिक होने के कारण गुड़ और शीरा मिलने में परेशानी नहीं होती। लहन की खेती हिंडन के किनारे खूब होती है। लहन को मिट्टी में गाड़ देते हैं। एक सप्ताह बाद इसमें केमिकल का इस्तेमाल कर शराब बनाते हैं। इस तरह जहरीली या कच्ची शराब का एक पव्वा 15 रुपये में तैयार हो जाता है। पुराने और सड़े गुड़ को पहले पानी में घोलकर इसमें केमिकल आदि मिलाकर कई दिन तक धूप में सड़ाया जाता है। जब लहन तैयार हो जाता है तो उसे एक ड्रम में भरकर उसके नीचे मिट्टी खोदकर भट्टी लगा दी जाती है। लहन से भरे ड्रम को ऊपर से थोड़ा काटकर उसके ऊपर एक बर्तन रख दिया जाता है। उस बर्तन के ऊपर नीचे से कटा खाली बर्तन लगा दिया जाता है। उस बर्तन के ऊपर पानी से भरा पतीला लगाया जाता है। पानी के पतीले और ड्रम के बीच में लगाए जाने वाले बर्तन से एक पाइप निकाली जाती है। लहन गर्म होने पर पतीले के नीचे लगे पाइप के जरिये निकलने वाली भाप बर्तन में बूंद-बूंद करके टपकती रहती है। इस बर्तन में एकत्र होने वाला द्रव ही शराब होती है। इसके बाद वाली शराब को इकट्ठा कर सप्लाई किया जाता है।

हिंडन खादर क्षेत्र में अवैध कच्ची शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीम खूब कसरत करती नजर आ रही है। आबकारी विभाग की टीम हर दुसरे दिन खादर क्षेत्र में दबिश देने पहुंच जाती है। जिसके चलते शराब माफिया की जुगत हर बार नाकामयाब साबित हो रही है। 10 से 20 हजार रुपये की लागत से तैयार होने वाली कच्ची शराब को आसपास के क्षेत्र में बेचकर माफिया उससे दो गुना कमाते है। इसके अलावा डिमांड के अनुसार माफिया फ्लेवर वाली शराब भी तैयार करते है। जिसके लिए अंगूर, संतरा, सेव, सौंफ, इलायची आदि का इस्तेमाल करते है। अब शराब माफिया लाइसेंसी दुकानों पर मिलने वाली फ्लेवर वाली शराब की तर्ज पर भी फ्लेवर युक्त कच्ची शराब का धंधा करते है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने एक बार फिर से शराब माफिया के गढ हिंडन खादर क्षेत्र लोनी में कच्ची शराब की भट्टी को नष्ट करते हुए कच्ची शराब और लहन व उपकरण बरामद किया है।

जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने बताया जिले में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। रविवार देर रात मुखबिर से सूचना मिली कि हिंडन खादर क्षेत्र में अवैध रूप से कच्ची शराब की भट्टी जल रही है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए बिना देरी किए आबकारी निरीक्षक अनुज वर्मा की टीम गठित की गई। टीम ने सोमवार तड़के मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान थाना मुरादनगर अंतर्गत शमशेरपुर, मथुरापुर के हिंडन खादर क्षेत्रों पर दबिश दी। दबिश के दौरान लगभग 30 लीटर अवैध कच्ची शराब और करीब 800 किलोग्राम लहन बरामद हुआ। साथ ही शराब की भट्टी को ध्वस्त करते हुए  4 ड्रम बरामद किया गया। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से शराब तस्करों को करीब 20 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। पुलिस और आबकारी विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए शराब तस्करों ने हिंडन खादर क्षेत्र के जंगलों में अवैध रुप से शराब की भट्टी का निर्माण किया हुआ था और कच्ची शराब से भरे ड्रमों को झाडिय़ों के बीच पानी मेंं छिपाया हुआ था। आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए दो मुकदमे दर्ज किए गए।

आबकारी विभाग की जागरूकता का दिखा असर
आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई तो कर ही रहा है। साथ ही शराब तस्करों की कमर तोड़ने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहा है। आबकारी विभाग की जागरूकता का ही असर है कि अब शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए क्षेत्र के लोग खुद आबकारी विभाग की कार्रवाई में अपना सहयोग कर रहे है। देखा जाए तो आबकारी विभाग की असली जीत यहीं है। जब लोग खुद जागरुक होंगे तो अवैध शराब का कारोबार अपने आप ही खत्म होगा। शराब तस्करों पर कार्रवाई और उन पर निगाह रखने के लिए आबकारी विभाग के मुखबिर तंत्र ही बज्र का काम करते दिखाई दे रहे है। जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि आबकारी विभाग कार्रवाई के बीच में लोगों के बीच में जाकर उन्हें अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करने के साथ कार्रवाई के लिए सहयोग की अपील भी कर रहा है। जिसका असर भी दिखाई देने लगा है। लोगों की जागरूकता से ही अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। साथ ही सभी आबकारी निरीक्षकों को भी सख्त निर्देश दिए गए है कि अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई के लिए चेकिंग एवं दबिश करते रहे।