पीडि़त परिवारों की कानूनी मदद करने का ऐलान
गाजियाबाद। जनपद में भू-माफिया के खिलाफ हरसंभव लड़ाई लड़ी जाएगी। भू-माफिया की कारगुजारी से प्रभावित पीडि़तों को कानूनी मदद दिलाई जाएगी। यह कहना है कि सोशल चौकीदार के.के. शर्मा का है। आरडीसी-राजनगर में सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में सोशल चौकीदार शर्मा ने भू-माफिया के खिलाफ जमकर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने आरोप मढ़ा कि नगर निगम की साठ-गांठ के बगैर कोई भी भूमि पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता। नंदग्राम के शांति नगर में नगर निगम ने कुछ दिन पहले मकान तोड़ दिए थे। इससे प्रभावित परिवारों की हरसंभव कानूनी मदद के लिए वह आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि पीडि़तों को उनका हक दिलाया जाएगा। के.के. शर्मा ने कहा कि वह कोई नेता नहीं है और न उन्हें राजनीति में जाना है। वह कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे। समाज मे फैली बुराई से जो भी पीडि़त है वह हर समय उसके साथ हैं। पीडि़त परिवारों को हुई हानि की भरपाई कराने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि नगर निगम को इस संबंध में कई बार पत्र लिखे गए। मेयर आशा शर्मा ने भी नगर निगम को पत्र लिखकर अवगत कराया, मगर भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। अब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर मांग की है कि जिन लोगों को भू-माफिया ने किसानों की भूमि बताकर सरकारी भूमि पर कब्जा देकर धोखा दिया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। भू-माफिया की संपत्ति को सरकार जब्त कर पीडि़तों के साथ न्याय करे। लोगों की हुई हानि की सरकार भरपाई करे। उन्होंने कहा कि इस मामले की मुख्यमंत्री को अपने स्तर से जांच करानी चाहिए कि कैसे भू-माफिया ने नगर निगम की सैकड़ों बीघा जमीन को बेच दिया। सोशल चौकीदार के.के. शर्मा ने नगर निगम के साथ-साथ पुलिस पर भी भू-माफिया पर एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे मामले को सिविल कोर्ट का मामला बताकर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर देती है। यह बेहद गंभीर मामला है। इससे भू-माफिया का मनोबल बढ़ रहा। वह शांति नगर में नागरिकों के लिए धरना-प्रदर्शन, आंदोलन नहीं बल्कि उन्हें कानूनी मदद करेंगे और भू-माफिया पर कार्रवाई कराने के प्रयास करेंगे।
बस गईं 320 अवैध कॉलोनियां
उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में सैकड़ों की संख्या में भूमाफिया सक्रिय हैं। नतीजन सरकारी व गैर सरकारी भूमि पर 320 अवैध कॉलोनियां बस गई हैं। भू-माफिया एक हजार गज जमीन खरीदता है, लेकिन कब्जा पांच हजार गज भूमि पर कर उसे बेच देता है। इसमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों की भी मिलीभगत होती है। इस मकडज़ाल में गरीब आदमी फंस जाता है। शांति नगर में अवैध बताकर मकान तोड़े जाने से गरीब आदमी के सामने संकट खड़ा हो गया है।