क्राइम ब्रांच ने किया एटीएम फ्रॉड का खुलासा, मशीन में फेवीक्विक डाल चिपकाते थे कार्ड, पढाई छोड़कर अपराध को ही बना लिया रोजगार

अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर गिरफ्तार, 92 फर्जी एटीएम कार्ड, 52 हजार रुपये, फेविक्विक ट्यूब बरामद, पांच साल में 60 लाख का कर चुके फ्रॉड गगन 12वीं फेल है और उसके बाद पढाई छोड़कर प्रॉपर्टी में दलाली का काम करने लगा था। जब उसमें भी कमाई नहीं हुई तो फरीदाबाद में जाकर कैफे चलाने लगा। जिसके बाद यूट्यूब से एटीएम फ्रॉड करने का तरीका सीखा कि एटीएम फ्रॉड कैसे किया जाता है। उसके बाद अपने दोस्त सोनू को अपने साथ काम पर रख लिया। सोनू ने 12वी तक पढाई की थी उसके बाद रेडीमेड कपडों का काम करने लगा, वहां घाटा और उधारी होने के कारण काम छोड़ दिया और फिर गगन के साथ एटीएम फ्रॉड करने लगा। देवेंद्र गुर्जर ने 10वी तक पढाई की है। मगर गलत सोहबत में आकर वह अपराध करने लगा। 

गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में धोखे से एटीएम कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का क्राइम ब्रांच की टीम ने पर्दाफाश करते हुए 3 शातिरों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से विभिन्न बैंकों के 92 फर्जी एटीएम कार्ड, 52 हजार रुपये, एटीएम मशीन मे एटीएम कार्ड चिपकाने के लिए फेविक्विक ट्यूब, स्वाइप मशीन, घटना में प्रयुक्त कार बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी शातिर किस्म के है, जो कि एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न एटीएम के आसपास घूमते रहते थे। जब कोई एटीएम से रुपये निकलता, तो वह उसके पास जाता और उसे बातों में फंसाकर एटीएम कार्ड बदल लेते थे और इसके बाद एटीएम बूथ में जाकर कोड देख लेते, इसके बाद वह रुपये निकाल लेता था। इसके अलावा एटीएम कार्ड चिपकाने के लिए फेवीक्विक ट्यूब का भी इस्तेमाल करते थे।

आरोपी सैकड़ों वारदातों को अंजाम दे चुके है। लोहिया नगर स्थित अपने कार्यालय में घटना का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया बुधवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने अन्तर्राज्यीय गिरोह के गगन कुमार पुत्र स्व निर्मल कुमार निवासी बपरौला विहार नजफगढ़ दिल्ली, सोनू कुमार पुत्र श्याम सिंह निवासी शिव पार्क खानपुर नेम सराय जनपद महरौली दिल्ली, देवेन्द्र पुत्र उदयवीर निवासी ग्राम चचूला दनकौर जनपद-गौतमबुद्धनगर को थाना शालीमार गार्डन क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। गगन 12वीं फेल है और उसके बाद पढाई छोड़कर प्रॉपर्टी में दलाली का काम करने लगा था। जब उसमें भी कमाई नहीं हुई तो फरीदाबाद में जाकर कैफे चलाने लगा। जिसके बाद यूट्यूब से एटीएम फ्रॉड करने का तरीका सीखा कि एटीएम फ्रॉड कैसे किया जाता है। उसके बाद अपने दोस्त सोनू को अपने साथ काम पर रख लिया। सोनू ने 12वी तक पढाई की थी उसके बाद रेडीमेड कपडों का काम करने लगा, वहां घाटा और उधारी होने के कारण काम छोड़ दिया और फिर गगन के साथ एटीएम फ्रॉड करने लगा। देवेंद्र गुर्जर ने 10वी तक पढाई की है। मगर गलत सोहबत में आकर वह अपराध करने लगा। जो कि पूर्व में कई बार नोएडा व गाजियाबाद से वाहन चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट आदि मामलों में जेल जा चुका है।

जेल से छूटने के बाद उसकी दोस्ती सोनू से हुई और फिर तीनों मिलकर एटीएम से फ्रॉड करने लगे। गगन के साथ सोनू, देवेन्द्र व सूरज काम करते है। यह लोग गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली एनसीआर व अन्य क्षेत्रों में घटनाएं करते हैं। उन्होंने बताया पकड़े गए आरोपी बुजुर्गों, महिलाओं व मजदूर अनपढ़ तबके के लोगों को ही अपना निशाना बनाते थे। पहले यह लोग बैंक के एटीएम के आस-पास खड़े होकर इंतजार करते थे। जिसमें एक व्यक्ति एटीएम के अन्दर रहता, जैसे ही कोई ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने के लिए आता तो उससे पहले एक साथी एटीएम मशीन में कार्ड लगाने वाली जगह पर फेवीक्विक लगाकर मशीन में डाल देता थे। जिससे कोई कार्ड अंदर डालता तो कार्ड के चिप की रीडिंग नही हो पाती। इस बहाने से वह पहले ही उसका पिन नंबर देख लेते थे।

उसके बाद मदद के बहाने दुसरा साथी अंदर जाता और उसका एटीएम कार्ड लेकर एक दो बार मशीन में डालते हुए बदल देता। फिर वहां से एटीएम कार्ड बदल कर दुसरे एटीएम से जाकर रुपये निकाल लेते थे। पकड़े गए आरोपी पिछले करीब 5 वर्षों से लगातार एटीएम फ्रॉड का काम कर रहे है। जो कि अब तक 50 से 60 लाख रुपए का फ्रॉड कर चुके है। वारदात के समय घटना में प्रयुक्त कार का भी नंबर प्लेट बदल लेते थे। गगन के खिलाफ दिल्ली व गाजियाबाद में 9, सोनू के खिलाफ मथुरा व गाजियाबाद 7, देवेन्द्र के खिलाफ मध्यप्रदेश, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में 25 मुकदमे दर्ज है।