-एक माह पूर्व हुए लाल सिंह हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा
-60 लाख के मादक पदार्थ की मुखबरी करने पर साथियों ने की थी गला घोटकर हत्या
गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की भले ही पुलिस की व्यवस्तता चल रही हो, मगर चुनावी सीजन में भी अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए डीसीपी सिटी राजेश कुमार की टीम कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। चुनाव में पुलिस की व्यस्तता को देखकर बदमाशों की हिम्मत इस कदर बढ़ गई कि लूट, चोरी और हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे थे। डीसीपी सिटी की टीम ने एक बार फिर से एक माह पूर्व नगर कोतवाली क्षेत्र में हत्या कर रेलवे ट्रैक पर फेंके गए लाल सिंह (27) की हत्या के साथ ही उसकी पत्नी की हत्या का सनसनीखेज खुलासा करते हुए दो बदमाशों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। पुलिस लाइन स्थित परमजीत हॉल में सोमवार को लाल सिंह हत्या की घटना का खुलासा करते हुए डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने एसीपी (सिटी) रितेश त्रिपाठी और एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा की मौजूदगी में बताया कि रविवार देर रात चिपियाना मार्ग पर पुलिस के साथ मुठभेड़ में गिरफ्तार किए गए अनिल यादव उर्फ लंबू और नईम को गिरफ्तार किया गया।
मुठभेड़ के दौरान अनिल को दाहिने पैर में गोली मारकर घायल कर दिया और उसके साथ बाइक पर सवार नईम को मौके से गिरफ्तार कर लिया। अजय यादव उर्फ लंबू और नईम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि गुड्डू के साथ ही इंदिरापुरम थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रहलादगढ़ी में रहने वाले, मूलरूप से बिहार निवासी लाल सिंह और उसकी पत्नी प्रियंका हमारे गैंग में शामिल थे। हम सब मिलकर उड़ीसा से मादक पदार्थों की तस्करी करते थे। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि लाल सिंह और उसकी पत्नी प्रियंका एवं गुड्डू भी उनके साथ मादक पदार्थों की तस्करी करते थे लेकिन उन दोनों के बीच विवाद होने के बाद लाल सिंह ने नोएडा में गुड्डू का 60 लाख का माल पकड़वा दिया था। इस बात से गैंग के सभी लोग लाल सिंह से रंजिश मानने लगे थे। विवाद के चलते लाल सिंह ने जब गुड्डू की मुखबिरी कर उसे 60 लाख के माल के साथ नोएडा में पकड़वा दिया तो गुड्डू की उससे दुश्मनी हो गई। अजय और नईम को भी यह बात अच्छी नहीं लगी। तीनों ने मिलकर लाल सिंह की हत्या कर दी और शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। लाल सिंह की शिनाख्त नहीं हो पाई थी और पुलिस ने उसे दुर्घटना मानकर अंतिम संस्कार भी करवा दिया।
बाद में प्रहलाद गढ़ी में लाल सिंह के साथ रहने वाले उसके पिता परमात्मा ने 17 नवंबर को नगर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर लाल सिंह की हत्या और उसकी पत्नी को गायब करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परमात्मा की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद नगर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और मुखबिर की सूचना पर अजय यादव उर्फ लंबू और नईम को चिपियाना की ओर से जाते हुए घेर लिया। जहां अनिल ने पुलिस पर गोली चला दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए अनिल के दाहिने पैर में गोली मार दी और उसके साथ मोटरसाइकिल पर सवार नईम को भी गिरफ्तार कर लिया। मूलरूप से एटा जनपद निवासी अनिल यादव उर्फ लंबू ने बताया गुड्डू व लाल सिंह के बीच विवाद हो गया था। गुड्डू के कहने पर हम दोनों (अनिल और नईम) ने गुड्डू के साथ मिलकर लाल सिंह को 15 अक्टूबर को उड़ीसा से फोन कर विजयनगर स्थित नईम के किराये के कमरे पर बुलाया और फिर रेलवे लाइन के किनारे ले गये और जहाँ पर गुड्डू पहले से झाडिय़ों में छिपा हुआ था।
गुड्डू ने लाल सिंह के पैरों पर जोर से प्रहार किया, जिससे वह गिर गया और इसके बाद हम तीनों ने मिलकर लाल सिंह की गला दबाकर हत्या कर दी एवं साक्ष्य मिटाने की नियत से शव को हिन्द नगर कालोनी के पास रेलवे लाइन पर रख दिया और ट्रेन गुजरने तक इंतजार किया घटना को योजनावद्ध तरीके से अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक तमंचा और कारतूस बरामद किया गया। बदमाशों से बरामद बाइक इंदिरापुरम क्षेत्र से चोरी की है। आरोपी चोरी की बाइक से मादर्क पदार्थों की तस्करी करते थे। और जो कि पिछले काफी समय से तस्करी की वारदातों को अंजाम देते आ रहे थे।