• हापुड़ में अवैध शराब कारोबारियों और लापरवाह अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी
• बृजनाथपुर की आसवनी व चीनी मिल पर आबकारी विभाग की सख्त नजर
उदय भूमि संवाददाता
हापुड़। जनपद हापुड़ में मंगलवार को उप आबकारी आयुक्त मेरठ मंडल राकेश कुमार सिंह ने बृजनाथपुर स्थित आसवनी एवं चीनी मिल का औचक निरीक्षण कर अवैध शराब के खिलाफ अपने सख्त रुख को एक बार फिर साबित कर दिया। इस निरीक्षण के दौरान सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन मेरठ राजेश श्रीवास्तव, आबकारी निरीक्षक प्रवर्तन, और आसवनी के सहायक आबकारी आयुक्त विनय कुमार निवेश मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने प्रत्येक पहलू की गंभीरता से जांच की, खासकर उन बिंदुओं पर जो अवैध शराब उत्पादन, भंडारण और वितरण से जुड़े हुए थे। इसके उपरांत जिलेभर में संचालित शराब की दुकानों पर गुप्त टेस्ट परचेजिंग अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत अज्ञात खरीददारों द्वारा शराब की खरीद की गई और उसकी गुणवत्ता, मूलता और मूल्य की जांच की गई। इस दौरान कई दुकानों पर अनियमितताएं उजागर हुईं, जिनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई के संकेत उप आबकारी आयुक्त ने दिए हैं।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ दुकानों पर स्टॉक का लेखा-जोखा ठीक से नहीं रखा गया, जबकि कुछ स्थानों पर ब्रांड और रेट में गड़बड़ी मिली। राकेश कुमार सिंह की नेतृत्व क्षमता और सक्रिय कार्यशैली ही है, जिसने मेरठ मंडल में अवैध शराब कारोबार को जड़ से खत्म करने की मुहिम को धार दी है। वे न केवल जमीनी स्तर पर सक्रिय रहते हैं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया की बारीकियों को भी बखूबी समझते हैं। यही वजह है कि उनकी कार्यशैली आज एक मिसाल बन चुकी है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि चाहे शराब माफिया हो या विभाग का कोई भी अधिकारी, यदि कोई नियमों के विरुद्ध कार्य करता पाया गया, तो उसके खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेरठ मंडल को अवैध शराब के चंगुल से मुक्त कराकर शुद्ध और पारदर्शी प्रणाली लागू करना उनका प्रमुख उद्देश्य है। राकेश कुमार सिंह के निरीक्षण के बाद जिले में हड़कंप की स्थिति बन गई है। हर अधिकारी और दुकानदार अब और सतर्क हो गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस तरह के औचक निरीक्षण अन्य जिलों में भी तेजी से किए जाएंगे। राकेश कुमार सिंह (उप आबकारी आयुक्त, मेरठ मंडल) ने कहा कि हमारा लक्ष्य मेरठ मंडल को अवैध शराब से पूरी तरह मुक्त करना है। इस दिशा में हम लगातार प्रभावी और सतत कार्रवाई कर रहे हैं। चाहे वह अवैध शराब के तस्कर हों या नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारी- किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। विभागीय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। आज का निरीक्षण इसी मुहिम का हिस्सा है और आने वाले समय में ऐसे औचक निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे। हमारा उद्देश्य न केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है, बल्कि राज्य के राजस्व को भी मजबूत करना है। सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़ और आसपास के जिलों में अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से चुनौती बना हुआ है, लेकिन राकेश कुमार सिंह जैसे ईमानदार और जुझारू अधिकारी इस चुनौती को अवसर में बदलते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि उनकी यह सख्त मुहिम अवैध शराब की काली अर्थव्यवस्था को कितनी गहराई से झकझोरती है, लेकिन इतना तो तय है कि यदि इस प्रकार की निगरानी और कार्यशैली जारी रही, तो मेरठ मंडल जल्द ही अवैध शराब मुक्त क्षेत्र बनकर उभरेगा और शासन के राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी। यह कार्रवाई न केवल अपराध पर प्रभावी नियंत्रण का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो व्यवस्था को पारदर्शी और जनहितकारी बनाया जा सकता है।
2400 शराब की बोतलों का विनष्टिकरण
उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने मंगलवार को एक और सख्त एवं अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए 2400 दुर्घटनाग्रस्त शराब की बोतलों का नियमानुसार विनष्टिकरण किया। यह कार्य सिम्भावली, आसवानी (हापुड़) स्थित एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स की एफएल-3ए अनुज्ञापी इकाई में संपन्न कराया गया। इस अवसर पर उप आबकारी आयुक्त, मेरठ मंडल, राकेश कुमार सिंह स्वयं उपस्थित रहे और पूरे प्रक्रिया का निरीक्षण किया। इस कार्रवाई को उप जिलाधिकारी, हापुड़, जिला आबकारी अधिकारी प्रकाश सिंह, तथा सहायक आबकारी आयुक्त सिम्भावली-आसवानी, हितेन्द्र शेखर के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय समिति की निगरानी में पूर्ण पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया गया।
उप आबकारी आयुक्त मेरठ मंडल राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह सभी शराब की बोतलें परिवहन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं और अब वे बिक्री योग्य स्थिति में नहीं थीं। विभागीय नियमों के तहत ऐसी बोतलों को नष्ट करना अनिवार्य होता है, जिससे किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या अवैध बिक्री पर रोक लगाई जा सके। विनष्टिकरण की प्रक्रिया के समय एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स के अधिकृत प्रतिनिधि प्रतीम पाल भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता की सराहना की। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई को न केवल अनुशासनात्मक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है, बल्कि यह संदेश भी स्पष्ट है कि विभाग शराब माफियाओं, तस्करों और नियमों की अनदेखी करने वाले तत्वों पर किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरतेगा।