गाजियाबाद। जिलाधिकारी ऑफिस की कार्य संस्कृति में बदलाव देखने को मिल रहा है। सीधे शब्दों में कहें तो जिलाधिकारी ऑफिस उसी ढर्रे पर लौटता दिख रहा है, जैसी उम्मीद जिले के सबसे बड़े कार्यालय से की जाती है। इस बदलाव कारण जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह बने हैं। वह जनता के लिए कार्यालय में ही उपलब्ध रहते हैं, उनकी समस्याएं सुनते हैं और समाधान के लिए मातहतों को त्वरित दिशा-निर्देश भी जारी कर रहे हैं। जनता के प्रति जिलाधिकारी की सुलभता से मातहत भी जवाबदेह बन रहे हैं। लंबे समय से जिलाधिकारी कार्यालय में सक्रियता का अभाव दिख रहा था। स्वयं जिलाधिकारी जनता के लिए उतने सुलभ नहीं हो पा रहे थे और जनता को अक्सर मायूस लौटना पड़ रहा था।
जिलाधिकारी कार्यालय से समाधान न मिल पाने के चलते लोग प्रशासनिक कार्यों के लिए भी प्रतिनिधियों के पास जाने को विवश थे। मगर अब अपनी समस्या के समाधान के लिए उन्हें चक्कर नहीं काटना पड़ रहा है। जनता को अधिक से अधिक समय देने के लिए वह सुबह दस बजे से अपने कार्यालय में मौजूद रहते है और दफ्तर में ही बैठकर प्रशासनिक कामकाज के साथ लोगों की समस्या भी सुनते है। सोमवार को जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने एडीएम एल/ए सौरभ भाटिया, सिटी मजिस्ट्रेट अजय अम्बेष्ठ की मौजूदगी में जनता की शिकायतें सुनी और संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं को शिकायत के निस्तारण के लिए कार्यालय के बार-बार चक्कर ना काटना पड़े, इसका विशेष रूप से अधिकारी ध्यान रखें।