-आचार संहिता के 81 दिन में आबकारी विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई में 42 लाख की शराब जब्त
-आबकारी अधिकारी की सख्ती का असर सकुशल संपन्न हुआ लोकसभा का चुनाव
-गौतमबुद्ध नगर के साथ बाहरी राज्यों में शराब तस्करी रोक लगाने में आबकारी विभाग को मिली सफलता
उदय भूमि
गौतमबुद्ध नगर। अवैध या जहरीली शराब सिर्फ बिहार की समस्या नहीं है लगभग सभी राज्यों में यहीं समस्या है। हर साल लाखों लीटर अवैध शराब जब्त भी होती है, मगर इस पर पूर्ण रूप से रोक लगा पाना बहुत मुश्किल है। अवैध शराब का धंधा चुनाव हो या फिर त्योहार इन दोनों सीजन में जोर पकड़ने लगता है। बिहार में भले ही शराबबंदी कानून लागू हो गया है, मगर अवैध शराब का कारोबार सबसे ज्यादा बिहार में ही होता है। बिहार में शराब तस्करी के लिए माफिया की पहली प्राथमिकता होती है। क्योंकि शराब माफिया को भी पता है, जो कमाई उनकी बिहार में शराब तस्करी में हो सकती है। वह अन्य किसी राज्यों में नहीं हो सकती है। इसलिए शराब माफिया दिल्ली, हरियाणा, अरुणाचल, पंजाब मार्का की शराब को बिहार में पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करते है। शराब माफिया भी अपने मुनाफे के चक्कर में दूसरे के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। मगर गौतमबुद्ध नगर मेंं शराब माफिया की दाल पिछले कुछ माह से नहीं गल रही है। जनपद में शराब तस्करी का धंधा हो या फिर जनपदीय क्षेत्र से गुजर कर दूसरे राज्यों में शराब तस्करी की योजना हो इन सब में शराब माफिया की सभी नीति फैल होती नजर आ रही है।
लोकसभा चुनाव के चलते जनपद में लगे आचार संहिता के दौरान अवैध शराब के कारोबार को रोक लगाने में आबकारी विभाग की टीम बेहतर प्रदर्शन किया। जनपद में अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए आबकारी विभाग ने जनपद के सभी बॉर्डर क्षेत्रों के अलावा छोटे-छोटे तस्करों के ठिकाने लगाने के लिए रोज नई रणनीति के तहत अपने कार्रवाई को अंजाम दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि आचार संहिता के 81 दिनों में 114 अवैध शराब के कारोबार में आज जेल की हवा खाने को मजबूर है। उत्तर प्रदेश में आबकारी अधिनियम के सख्त कानून का उल्लंघन कर तस्कर शराब तस्करी का खेल खेल रहे थे।
शराब तस्करी में लगातार शराब के साथ तस्करों को पकड़ा जा रहा है। लेकिन जेल से निकलने के बाद वही शराब तस्कर फिर शराब कारोबार में जुट जाते है। जेल से महीना-दो महीना बाद छूटने के बाद शराब कारोबारी कानून का परवाह किए बिना शराब तस्करी के धंधा में सक्रिय हो जाते हैं। मगर गौतमबुद्ध नगर में शराब तस्करी का कारोबार करना इतना आसान नहीं है। अवैध शराब के कारोबार में अगर कोई भी तस्कर पकड़ा जाता है तो कम से कम 6 माह या फिर 1 साल की जेल हवा खानी पड़ेगी। अवैध शराब के साथ पकड़े गए तस्कर आसानी से जेल न छूटे इसके लिए आबकारी विभाग की टीम खुद पैरवी करती है। लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के साथ-साथ अवैध शराब के धंधे ध्वस्त करने में आबकारी विभाग की टीम ने सफलता हासिल की है।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए बेहद गंभीर है। जिला आबकारी अधिकारी के निर्देशन में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से घबरा कर कुछ तस्करों ने या तो जिला छोड़ दिया है या फिर तस्करी करने से तौबा कर लिया। जिसका परिणाम यह रहा कि आचार संहिता के दौरान क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार और बाहरी राज्यों में तस्करी के मामले में 114 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। साथ ही तस्करों से करीब 42 लाख की अवैध शराब भी जब्त की है। आबकारी विभाग ने कार्रवाई से अपनी मंशा साफ की है कि अवैध शराब का कारोबार जिले में बिल्कुल भी पनपने नहीं दिया जाएगा। शराब के धंधे में लिप्त कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों की जगह सिर्फ जेल होगी, जिन्हें भेजने का काम आबकारी विभाग की टीम बखूबी निभा रही है।
इसके साथ ही जेल से छूटकर आए तस्करों पर निगरानी भी की जा रही है। जेल से बाहर आए लोगों पर निगरानी बरतनी के लिए आबकारी विभाग का मुखबिर तंत्र भी सक्रिय है। गौतमबुद्ध नगर से शराब तस्करों का सूपड़ा साफ करने के लिए आबकारी विभाग की टीम रोज नए-नए कदम उठाती नजर आती है। जिसका असर यह है कि जिस गौतमबुद्ध नगर की पहचान पहले शराब तस्करी के गढ़ से होती थी, वहीं आज गौतमबुद्ध नगर माफिया और अवैध शराब तस्करी के चंगुल से मुक्त होता नजर आ रहा है। अवैध शराब से जुड़े माफिया एवं तस्करों के लिए गौतमबुद्ध नगर हमेशा से ही पसंदीदा जगह रही है। जिसका कारण यह है गौतमबुद्ध नगर दिल्ली व हरियाणा की सीमा से सटा हुआ है। यही कारण है कि आबकारी विभाग की टीम को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है।
शराब तस्करों के खिलाफ हुई ताबड़तोड़ छापेमारी
अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मुख्य मार्गों एवं संवेदनशील क्षेत्रों में छापेमारी की लगातार कार्रवाई की गई। जिले में अवैध तरीके से बाहरी राज्यों से शराब की तस्करी आम बात है। खासकर दिल्ली, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की शराब गौतमबुद्ध नगर के अलावा बाहरी राज्यों में खासी डिमांड रहती है। क्योंकि यूपी के मुकाबले अन्य राज्यों की शराब काफी सस्ती है। बाहरी राज्यों की सस्ती शराब को चोरी-छिपे बेचकर तस्कर मोटा मुनाफा कमाने की फिराक में रहते हैं। आबकारी विभाग ने लगातार शराब तस्करों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारी कर अपनी मंशा को साफ कर दिया है। जबकि उनके कब्जे से लाखों रुपए की अवैध शराब बरामद की गई है। जिसके लिए कालिंदी कुंज, जेवर चेक पोस्ट के साथ-साथ हरियाणा व दिल्ली से गौतमबुद्ध नगर की सीमा से जुड़े सभी मार्गों एवं क्षेत्रों में सघन चेकिंग की गई।
चुनावी सीजन में अवैध शराब के धंधे 114 तस्करों को पहुंचाया जेल
आबकारी विभाग की टीम ने लोकसभा चुनाव को लेकर 16 मार्च से लेकर 4 जून तक चलाए गए अभियान के बीच कार्रवाई करते हुए 118 शराब तस्करों को गिरफ्तार करते हुए 114 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। साथ ही तस्करों से शराब तस्करी में प्रयुक्त 12 वाहनों को सीज किया गया। पकड़े गए वाहनों में छोटे वाहन से लेकर बड़े वाहन है। जो आज अवैध शराब के धंधे में लिप्त होने की वजह से थानों में धूल फांक रहे है। आचार संहिता के दौरान आबकारी विभाग की टीम ने आबकारी निरीक्षक नामवर सिंह, गौरव चन्द, आशीष पाण्डेय, डॉ. शिखा ठाकुर, अभिनव शाही, चन्द्रशेखर सिंह एवं रवि जायसवाल की संयुक्त टीम ने अवैध शराब के धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए दिन रात कार्रवाई करते हुए 3 हजार 186 छापेमारी की गई। जिसमें 281 अभियोग पंजीकृत किए गए। शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर चेकिंग एवं दबिश के दौरान 14 हजार 129 बल्क लीटर शराब बरामद किया गया। बरामद शराब की कीमत करीब 41 लाख रुपये है।
अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन आबकारी विभाग की टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। बाहरी राज्यों से शराब तस्करी रोकने के लिए कालिंदी कुंज एवं जेवर टोल टैक्स पर आबकारी विभाग की टीमें तीन शिफ्टों में 24 घंटे लगातार चेकिंग कर रही है। इसके साथ ही दिल्ली व हरियाणा से गौतमबुद्ध नगर में प्रवेश के विभिन्न मार्गों पर दबिश एवं छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मुखबिर के जरिए सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। जनपद को शराब तस्करों के कब्जे से मुक्त रखने की मुहिम निरंतर चलाई जा रही है। इसमें कामयाबी भी मिल रही है। सभी आबकारी निरीक्षक गंभीरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इसके अलावा आबकारी निरीक्षकों द्वारा जनपद में संचालित, मॉडल शॉप, देशी शराब, विदेशी मदिरा, बीयर की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान अनुज्ञापन (मदिरा एवं बीयर की दुकान) पर संचित स्टॉक का सत्यापन करने के भी निर्देश दिए गये है। अनुज्ञापियों एवं विक्रेताओं को नियमानुसार अनुज्ञापन को संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया। चुनाव हो या फिर कोई त्यौहार शराब तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई के साथ-साथ लोगों को अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करते हुए उन्हें सुधरने का भी मौका दे रहा है। अगर कोई चेतावनी के बाद भी नही सुधर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
सुबोध कुमार श्रीवास्तव
जिला आबकारी अधिकारी
गौतमबुद्ध नगर।