उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। अपराध नियंत्रण और रोकथाम को लेकर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने रविवार को एक अनूठी और सख्त पहल करते हुए जनपद के सभी थानों में अपराधियों के साथ विशेष निगरानी गोष्ठियों का आयोजन किया। इस अभियान का उद्देश्य अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखना, उनकी सामाजिक स्थिति का मूल्यांकन करना और भविष्य में अपराधों से दूर रहने की शपथ दिलाना था। इस गोष्ठी में प्रत्येक थाना क्षेत्र से जुड़े उन अपराधियों को शामिल किया गया जो पिछले 10 वर्षों में लूट, डकैती, झपटमारी, चोरी, नकबजनी, वाहन चोरी, जुआ-सट्टा, अवैध शराब, गौकशी, मादक पदार्थ तस्करी जैसे मामलों में संलिप्त रहे हैं।
साथ ही, पंजीकृत आपराधिक गिरोहों के सदस्य और हिस्ट्रीशीटर भी इस गोष्ठी में सम्मिलित किए गए। पुलिस द्वारा सभी अपराधियों की प्रोफाइल तैयार करते हुए उनकी वर्तमान स्थिति का सत्यापन किया गया और उनकी गतिविधियों का मूल्यांकन करते हुए एक विस्तृत विवरण पत्र (डोजियर) तैयार किया गया। इस मौके पर सभी अपराधियों को यह वचन दिलाया गया कि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे और कानून का पालन करेंगे। गाजियाबाद पुलिस की इस पहल के अंतर्गत कुल 2640 अपराधियों ने इन गोष्ठियों में भाग लिया और अपराध मुक्त जीवन की शपथ ली।
थाना स्तर पर अपराधियों की उपस्थिति
लोनी थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 300, मसूरी और मोदीनगर में 200-200, क्रॉसिंग रिपब्लिक में 147, भोजपुर में 173, कौशांबी में 122 और शालीमार गार्डन में 97, कविनगर में 78, इंदिरापुरम में 80, साहिबाबाद में 92, टीला मोड़ में 82, लिंक रोड में 82, निवाड़ी में 87, कोतवाली नगर में 50, विजय नगर में 71, सिहानीगेट में 82, मुरादनगर में 80, वेव सिटी में 87 आदि थानों में भी बड़ी संख्या में अपराधी उपस्थित रहे। गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस की यह नई पहल न केवल अपराधियों को मुख्यधारा से जोडऩे का प्रयास है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी है कि अपराध और अपराधियों पर अब गहरी नज़र रखी जाएगी। यह अभियान अपराध नियंत्रण की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

डीसीपी सिटी
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस का उद्देश्य केवल अपराधियों को पकडऩा ही नहीं, बल्कि उन्हें सुधार की राह पर लाना भी है। इस पहल के माध्यम से हम उन अपराधियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर दे रहे हैं, जो अब अपराध छोड़कर एक सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन अगर कोई दोबारा अपराध की राह पर जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की निगरानी गोष्ठियां भविष्य में भी जारी रहेंगी, ताकि अपराध पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे और जनता को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
राजेश कुमार
डीसीपी सिटी