• आबकारी विभाग की सख्त रणनीति से ध्वस्त हुआ शराब माफिया का नेटवर्क!
• आबकारी विभाग की मजबूत रणनीति से बिहार में शराब माफियाओं की बड़ी साजिश हुई नाकाम!
• बिहार पहुंचने से पहले आबकारी विभाग ने शराब माफिया की साजिश नाकाम की!
उदय भूमि संवाददाता
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। सभी पार्टियों के द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है और उस रणनीति को जमीनी स्तर पर उतारने की भी कोशिश की जा रही है। हलांकि अभी तक बिहार में चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। चुनावी रणभेरी बजने में भले ही अभी कुछ समय हो, मगर इस बीच एक बार फिर से बिहार में शराब के नाम पर वोट पाने की कोशिशों का जोर भरना तेज हो गया है। वहीं राजधानी लखनग आबकारी विभाग की टीम ने भी चुनाव से पहले ही अपनी एक बड़ी कार्रवाई का धमाका करते हुए शराब माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया अपने गोरखधंधे को फैलाने में लगे हैं, लेकिन आबकारी विभाग की मजबूत रणनीति के कारण उनकी एक और बड़ी चाल नाकाम हो गई।
गुरुवार देर रात को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के पास हुई विशेष चेकिंग अभियान के दौरान आबकारी विभाग, एसटीएफ और ककोरी थाना पुलिस की टीम ने 459 पेटी अवैध शराब बरामद की। इस जब्त की गई शराब की कुल कीमत लगभग 32 लाख रुपये आंकी जा रही है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब माफिया चुनावी मौसम में अवैध सप्लाई करने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह की अगुवाई में आबकारी विभाग ने तस्करों की हर चाल को नाकाम करने के लिए सख्त रणनीति तैयार की है। पूरे जिले में किलेबंदी कर दी गई है, जिससे शराब माफियाओं के लिए यूपी से बिहार में शराब भेजना मुश्किल होता जा रहा है। आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ जिलेभर में कड़े अभियान चलाए जा रहे हैं।
जिले में हर एंट्री पॉइंट पर विशेष चेकिंग अभियान चल रहा है, ताकि कोई भी अवैध शराब बिहार न पहुंच सके। टीम में आबकारी निरीक्षक अखिल गुप्ता, अभिषेक सिंह, अखिलेश चौधरी, लक्ष्मी शंकर वाजपेई, कौशलेन्द्र रावत सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। बिहार चुनाव से पहले शराब माफियाओं के खिलाफ प्रशासन ने अभियान और तेज कर दिया है। आबकारी विभाग, एसटीएफ और पुलिस की चौकसी से बिहार में शराब तस्करी की सभी चालें नाकाम हो रही हैं। आबकारी विभाग की मजबूत रणनीति के कारण शराब माफियाओं की हर चाल असफल हो रही है और यूपी पुलिस हर अवैध सप्लाई पर शिकंजा कस रही है।
वाल पुट्टी की बोरी के नीचे छिपा रखी थी अवैध शराब
• शराब माफियाओं ने पुलिस और विभाग की आंखों में धूल झोंकने के लिए ट्रक में नीचे शराब की पेटियां रखीं और ऊपर से वाल पुट्टी के कट्टे रख दिए ताकि चेकिंग में पकड़े न जाएं।
• लेकिन आबकारी विभाग की सख्त चौकसी और खुफिया जानकारी के आधार पर ट्रक को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर रोका गया और पूरी जांच के बाद 32 लाख रुपये की शराब बरामद कर ली गई।
• इस तस्करी में शामिल ट्रक चालक कपिल वर्मा (निवासी चंडीगढ़) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विभिन्न ब्रांड की 459 पेटी बरामद
• 216 पेटी ऑल सीजन व्हिस्की
• 540 बोतल मेकडावल नंबर-1
• 1656 अद्धा और 3840 पव्वा
• 2244 बोतल रॉयल चैलेंज
• 720 बोतल रॉयल स्टेज
चुनाव से पहले शराब तस्करी पर सख्ती
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए शराब माफिया बड़े पैमाने पर अवैध शराब की सप्लाई करने की कोशिश में हैं, ताकि इसे वोटरों को बांटकर चुनावी माहौल को प्रभावित किया जा सके। लेकिन यूपी के आबकारी विभाग और पुलिस की सख्ती से शराब माफियाओं की यह साजिश लगातार नाकाम हो रही है।
शराब माफियाओं की एक भी चाल अब नहीं होगी सफल
आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने कहा, अवैध शराब तस्करी को पूरी तरह खत्म करने के लिए हमारी टीम ने जिले में कड़ी चौकसी बढ़ा दी है। हर एंट्री पॉइंट पर गहन चेकिंग की जा रही है और खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया गया है। शराब माफियाओं की यह साजिश विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में अवैध शराब पहुंचाने की थी, लेकिन हमारी रणनीति के कारण यह पूरी तरह विफल हो गई। उन्होंने कहा, हमारी टीम लगातार नजर रख रही है और कोई भी संदिग्ध गतिविधि होने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग, एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त रणनीति से तस्करों की हर योजना नाकाम होगी। यह हमारी प्राथमिकता है कि बिहार में अवैध शराब की एक भी बोतल न पहुंचने पाए। शराब माफियाओं के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी और जो भी इसमें शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।