-आबकारी विभाग की चेतावनी – उल्लंघन करने वालों पर होगी बड़ी कार्रवाई!
– 31 मार्च रात 12 बजे तक पूरा करना होगा इंडेंटिंग प्रोसेस
-सरकार की कड़ी नजर, नियम तोड़ने वालों की खैर नहीं!
उदय भूमि संवाददाता
लखनऊ। प्रदेश में 1 अप्रैल से नया आबकारी सत्र लागू होने जा रहा है, और इसके साथ ही शराब कारोबारियों के लिए सख्त नियमों की घोषणा कर दी गई है। लखनऊ जिला आबकारी कार्यालय में शुक्रवार को बड़े स्तर पर बैठक आयोजित की गई, जिसमें आबकारी अधिकारियों, ओएसिस प्रतिनिधियों और सभी अनुज्ञापियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि किसी भी हाल में नियमों का उल्लंघन न हो, वरना कार्रवाई तय है। बैठक में पॉज मशीन से इंडेंटिंग की प्रक्रिया को लेकर डिजिटल प्रजेंटेशन दिया गया। बैठक में आबकारी निरीक्षक राहुल कुमार सिंह, शिखर, विवेक सिंह, रिचा सिंह, रजनीश प्रताप सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, कृति प्रकाश पाण्डेय, अभिषेक सिंह, विजय राठी, अरविंद बघेल, कौशलेन्द्र रावत, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, प्रदीप शुक्ला, अखिलेश चौधरी और अखिल गुप्ता मौजूद रहे। अधिकारियों ने सभी अनुज्ञापियों को निर्देश दिया कि 31 मार्च की रात 12 बजे तक इंडेंट लगा दें, ताकि 1 अप्रैल को सुबह 10 बजे से सभी दुकानों पर स्टॉक उपलब्ध हो। आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह की सख्त कार्यशैली का असर इस बैठक में भी साफ नजर आया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस बार आबकारी नियमों के पालन में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उनके निर्देशों से साफ झलक रहा था कि सरकार इस बार शराब नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कोई भी ढील देने के मूड में नहीं है। करुणेन्द्र सिंह की कार्यशैली को लेकर विभाग के अन्य अधिकारी भी पूरी तरह से सक्रिय दिखे और उन्होंने अनुज्ञापियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि दुकान संचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई गई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग इस बार हाईवे, धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों और आवासीय कॉलोनियों के पास शराब दुकानों को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी दुकानों की चौहद्दी नियमों के अनुसार ही तय हो। सरकार के निर्देशों के मुताबिक, यदि कोई दुकान निर्धारित मानकों का उल्लंघन करती पाई गई तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा।
जिले में आबकारी विभाग की इस सख्ती के पीछे करुणेन्द्र सिंह का प्रशासनिक अनुभव और मजबूत पकड़ मानी जा रही है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए शराब दुकानों के संचालन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी प्रक्रिया को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। अनुज्ञापियों को यह भी हिदायत दी गई कि वे अपने दस्तावेजों को समय रहते अपडेट कर लें और दुकान संचालन की सभी औपचारिकताओं को नए सत्र से पहले पूरा कर लें। शराब नीति को लेकर प्रदेश सरकार की सख्ती का सीधा असर इस बैठक में भी देखने को मिला। आबकारी विभाग के अधिकारियों की इस सक्रियता से साफ है कि इस बार किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। करुणेन्द्र सिंह की स्पष्ट कार्यशैली और सख्त अनुशासन के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश में आबकारी नीति का पालन इस बार पूरी मजबूती के साथ होगा।
नई नीति के तहत मुख्य दिशा-निर्देश:
• धार्मिक स्थल, स्कूल, अस्पताल और रिहायशी इलाकों के पास शराब दुकानें नहीं खुलेंगी।
• हाईवे से दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य।
• सभी विक्रेताओं को लाइसेंस से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
नियम तोड़े तो तुरंत होगी कार्रवाई!
• लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई तुरंत की जाएगी।
• अनुज्ञापियों पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।
• दुकान सील करने का भी प्रावधान।
• सरकार कड़े कदम उठाने को तैयार।

जिला आबकारी अधिकारी
आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में 1 अप्रैल से नया आबकारी सत्र लागू हो रहा है, और सरकार इस बार आबकारी नीति को सख्ती से लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमने सभी अनुज्ञापियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे नियमों का पालन सुनिश्चित करें। 31 मार्च की रात 12 बजे तक इंडेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि 1 अप्रैल की सुबह से दुकानों पर स्टॉक की उपलब्धता बनी रहे। किसी भी दुकान को लेकर अगर नियमों का उल्लंघन पाया गया, चाहे वह धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों और आवासीय कॉलोनियों की दूरी संबंधी हो या फिर हाईवे नियमों की अनदेखी, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी और लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। हमारा उद्देश्य प्रदेश में आबकारी नियमों का प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। सभी अनुज्ञापियों को यह समझ लेना चाहिए कि इस बार किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।