खूनी मकान मालिक, किराएदार की हत्या कर आरी से किए शव के चार टुकड़े

-बिजनेस के नाम पर मकान मालिक ने 60 लाख रुपए लिए थे उधार, नेट बैंकिग से 40 लाख और निकाले

गाजियाबाद। पीएचडी स्कॉलर अंकित खोखर की हत्या मामले में पुलिस ने 6 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हत्यारों ने लाश के 4 टुकड़े कर गंगनहर में अलग-अलग जगह पर फेंक दिया। जिससे पुलिस को उनकी बॉडी न मिल सकें। घटना दो माह पूर्व की है, मृतक अंकित के दोस्त ने मोदीनगर थाने में थाने में शिकायत दी है। पुलिस जांच में पता चला कि मकान मालिक ने मृतक छात्र से बिजनेस करने के लिए 60 लाख रुपए उधार लिए थे। पैसा न देना पड़े इसलिए मार डाला। आरोपी ने मृतक के खाते से 40 लाख रुपए भी ऑनलाइन निकाल लिए। हालांकि पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मकान मालिक को हिरासत में लिया है, जहां आरोपी ने गला घोंट कर हत्या करने की वारदात कबूल की है। मगर पुलिस को अभी तक लाश के हिस्से नहीं मिल सके हैं।

बागपत जिले में गांव मुकुंदपुर निवासी अंकित खोखर लखनऊ के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था। तीन माह पूर्व ही उसने विश्वविद्यालय में अपनी फाइल सब्मिट कर मोदीनगर स्थित राधा एन्क्लेव कॉलोनी में उमेश शर्मा के मकान में किराए पर कमरा लिया था। मृतक के मां-बाप की मृत्यु हो चुकी है। बागपत जिले में पुश्तैनी प्रॉपर्टी करीब डेढ़ करोड़ रुपए में अंकित ने पूर्व में बेची थी। जिसका पूरा पैसा उसके खाते में आया था। गत 7 अक्टूबर को अंकित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जब दो माह से मृतक के दोस्त का कोई संपर्क नही हुआ तो थाना मोदीनगर पर पहुंचकर उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट दी। मृतक के दोस्त का कहना है कि अंकित को मोबाइल फोन ऑन है, मगर वह रिसीव नही कर रहा है। मैसेज करने पर जो रिप्लाई मिल रहा है, वह अंकित के मैसेज नही है। पुलिस ने जब मोबाइल नंबर के जरिए अंकित के बैंक अकाउंट की डिटेल्स निकाली तो पता चला कि उसके खाते ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए रकम निकल रही है। अंकित की आखिरी बार लोकेशन भी उसके किराए वाले मकान की है।

डीसीपी (ग्रामीण) डॉ ईरज राजा ने बताया कि आरोपी मकान मालिक उमेश को गिरफ्तार कर उसकी पत्नी समेत 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रहा है। आरोपी उमेश ने 6 अक्टूबर को ही अपने दोस्तों को बुलाकर घर के अंदर अंकित खोखर की हत्या कर दी थी। फिर आरी से लाश के चार टुकड़े कर उन्हें मुरादनगर से निवाड़ी के बीच गंगनहर में फेंक दिया था। पुलिस पूछताछ में आरोपी उमेश ने बताया कि उसे अंकित के खाते में रुपए होने की जानकारी थी। सितंबर माह में अंकित से बिजनेस करने के बहाने 60 लाख रुपए लिए थे। पता था कि अंकित के अलावा उसके परिवार कोई नही है। योजना बनाई अगर अंकित की हत्या कर दी गई तो उसे रुपए नही लौटाने पड़ेगे। प्लानिंग के तहत उसकी हत्या कर मृतक के मोबाइल पर नेट बैंकिग चालू रखी। नेट बैंकिग द्वारा अक्टूबर से दिसंबर तक करीब 40 लाख रुपए खाते से निकाल लिए। पुलिस की दो टीमें मुरादनगर से निवाड़ी के बीच गंगनहर में सर्च ऑपरेशन कर रही है, जिससे अकिंत की लाश के टुकड़े मिल सकें।