पुलिस कमिश्नर एवं नए कलेक्ट्रेट कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित

-राजनगर एक्सटेंशन में 27 हजार वर्गमीटर जमीन का पुर्नग्रहण करने की प्रक्रिया पूरी
-जमीन की स्वीकृति के लिए शासन को भेजी रिपोर्ट, आईटीएमएस का कंट्रोल रूम भी बनेगा

गाजियाबाद। जिले में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर एवं कलेक्ट्रेट के नए कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। इसके तहत राजनगर एक्सटेंशन में ही पुलिस कमिश्नर का कार्यालय और नया कलक्ट्रेट कार्यालय बनेगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने राजनगर एक्सटेंशन में करीब 27 हजार वर्गमीटर जमीन का पुर्नग्रहण करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। डीएम ने इस जमीन की स्वीकृति के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है। इन दोनों भवनों के पास ही शहर के यातायात को व्यवस्थित करने के लिए आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) का कंट्रोल रूम भी बनेगा। दरअसल, प्रदेश सरकार ने बीते साल 26 नवंबर को गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू कर दी थी। पुलिस कमिश्नर के अलावा तीन डीसीपी और 12 एसीपी की भी तैनाती हो चुकी हैं। पुलिस कमिश्नर के लिए नए कार्यालय का निर्माण कराने के लिए जमीन की तलाश अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। वह अब पुलिस लाइन में बने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करेंगे। पुलिस कमिश्नर की कोर्ट भी वहीं पर संचालित होगी। पुलिस आयुक्त की तैनाती के बाद से ही कमिश्नरेट के लिए जमीन की तलाश की जा रही थी।

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जीडीए की मधुबन-बापूधाम योजना में करीब 32 हजार वर्गमीटर जमीन चिन्हित करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।उन्होंने बताया कि वहां पर कार्यालय नहीं बनेगा। बल्कि राजनगर एक्सटेंशन में करहेड़ा पुल के पास 27 हजार वर्ग मीटर जमीन चिन्हित कर ली गई है। एलएमसी की इस जमीन के पुर्नग्रहण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। शासन को जमीन से संबंधित पत्र भेज दिया गया है। शासन स्तर से औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जमीन का हस्तांतरण पुलिस विभाग को कर दिया जाएगा। वहीं, शासन से फंड मिलने के बाद पुलिस कमिश्नरेट की बिल्डिंग का निर्माण कराने की प्रक्रिया शुरू होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि  कमिश्नरेट के पास ही नए कलक्ट्रेट के जमीन चिन्हित की गई है।

27 हजार वर्ग मीटर जमीन में ही पुलिस कमिश्नरेट और कलक्ट्रेट के भवन बनेंगे। उनका कहना है कि हालांकि अभी यह लंबे समय की योजनाएं हैं। भविष्य में राजनगर से कलक्ट्रेट को स्थानांतरित कर राजनगर एक्सटेंशन में ले जाने की योजना को देखते हुए जमीन आरक्षित कर दी गई है। इसके अलावा राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को लागू किया जाएगा। इसके तहत कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम के लिए भी राजनगर एक्सटेंशन में जमीन चिन्हित की गई है। आईटीएमएस सिस्टम को विकसित करने पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

दुहाई में बनेगा डीसीपी कार्यालय:
डीसीपी ग्रामीण का कार्यालय दुहाई में रैपिड रेल डिपो के पास बनाया जाएगा।यहां पर सिंचाई विभाग की जमीन है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) को जिम्मेदारी दी गई हैं। एनसीआरटीसी ने इसका नक्शा बना लिया है। जल्द ही ऑफिस का निर्माण शुरू हो जाएगा। दुहाई में डीसीपी ग्रामीण का कार्यालय बन जाने से देहात क्षेत्र के लोगों की उन तक पहुंच भी आसान हो जाएगी। मुरादनगर, मोदीनगर, लोनी और मसूरी तक आवागमन भी उनके लिए आसान हो जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि तीन थानों के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई हैं। इनमें अंकुर विहार, इंदिरापुरम शक्तिखंड और शालीमार गार्डन में प्रस्तावित नए थानों के लिए भी जमीन चिन्हित करने के बाद पुलिस विभाग को दे दी गई है। अंकुर विहार और शालीमार गार्डन थाने के लिए जमीन पुर्नगृहीत की गई है। जबकि इंदिरापुरम में जीडीए की ओर से जमीन पहले से ही चिन्हित की गई थी।