मधुबन-बापूधाम योजना में लोगों के मकान-प्लॉट का सपना जल्द होगा पूरा: अतुल वत्स

-आचार संहिता हटने के बाद रिक्त संपत्तियों को बेचने की प्लानिंग पर होगा काम
-मधुबन-बापूधाम में जीडीए की 6000 करोड़ से अधिक की संपत्ति रिक्त

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की महत्वाकांक्षी मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में घर बनाने का सपना देख रहे लोगों का यह सपना आने वाले सालों जरूर साकार होगा। वहीं जीडीए की खाली पड़ी तिजोरी भी भरेगी। जीडीए की मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में 6000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां खाली पड़ी हुई है। इन संपत्तियों की बिक्री कर जीडीए भी अपनी तिजोरी भरेगा। जीडीए उपाध्यक्ष का भी इस समय पूरा ध्यान मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना पर है। जिससे मधुबन बापूधाम में घर बनाने का सपना देख रहे लोगों को जल्द पूरा किया जा सकें। साथ ही पूरी तरह से विकसित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जीडीए की यह सभी संपत्तियां पुराने रेट यानि कि 32 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर के रेट से आवासीय है, जबकि कॉमर्शियल का रेट 85 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर का है। मगर नीलामी में 75 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर आवासीय व कॉमर्शियल 1.20 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर तक में बेचा जा चुका हैं।

जीडीए उपाध्यक्ष आईएएस अतुल वत्स का कहना है कि मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना के सभी पॉकेट में भवन, भूखंडों, कॉमर्शियल भूखंडों को मिलाकर 6000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां खाली है। इन संपत्तियों का निस्तारण कराया जाएगा। इसके साथ ही लोगों के घर बनाने का सपना भी पूरा हो सकेगा। इन सभी संपत्तियों को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद नीलामी के जरिए बेचने की योजना है। दरअसल, मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में माननीय विधायकों के प्लॉट के अलावा मधुबन-बापूधाम डिस्ट्रिक सेंटर में कॉमर्शियल भूखंडों की बिक्री पहले ही हो चुकी है। इनके अलावा 17 मंजिला फ्लैट में भी अधिकांश की बिक्री हो चुकी हैं। इनमें जो भी अनावंटित संपत्तियां है, उन्हें नीलामी के जरिए बेचने की प्लानिंग की जाएगी।

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि जीडीए की मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना को पूर्ण रूप से विकसित कराना प्राथमिकता में है। इसके साथ ही जीडीए के कोष में इजाफा कर शहर में विकास कार्यों को तेजी से कराया जा सकेगा। मधुबन-बापूधाम योजना में रिक्त संपत्तियों को बेचने की प्लानिंग कर ली गई हैं। आदर्श आचार संहिता हटने के बाद संपत्तियों को बेचने के लिए नीलामी शुरू कराई जाए। इसके अलावा इंदिरापुरम विस्तार योजना में सृजित भूखंडों को नीलामी के जरिए बेचने की योजना है। इन्हें बेचकर लोगों की आवासीय जरूरत को पूरा किया जाएगा। जीडीए कनावनी गांव की जमीन पर इंदिरापुरम विस्तार योजना में 80 हजार वर्गमीटर जमीन पर भूखंड सृजित किए जाएंगे। जीडीए का नियोजन अनुभाग भूखंडों के सृजन व अभियंत्रण अनुभाग योजना का साईट प्लान तैयार करने में जुटा हुआ हैं। ऐसे ही मधुबन-बापूधाम योजना में भी रिक्त भवन व भूखंडों को नीलामी में बेचने की प्लानिंग की जा रही हैं।