नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने दूधेश्वर नाथ मंदिर का किया संयुक्त निरीक्षण
उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहे और कांवड़ियों को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर गाजियाबाद नगर निगम लगातार तत्पर है। कावंड़ यात्रा मार्ग के अलावा शहर के मंदिरों की व्यवस्थाओं पर भी नजर रखी जा रही है। सोमवार को सिद्धपीठ दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। भगवान भोले शंकर पर जलाभिषेक के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की चार कतारें जीटी रोड पर एमएमजी अस्पताल के गेट के बाहर तक पहुंच गई। शिवभक्तों की भीड़ रविवार देर रात से ही मंदिर के बाहर लगनी शुरू हो गई। मंदिर के श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि रात 12 बजे सबसे पहले भगवान दूधेश्वर एवं सभी देवी-देवताओं व गुरू मूर्तियों की पूजा-अर्चना की गई और उसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। तड़के तीन बजे भगवान का श्रृंगार व आरती हुई। आचार्य तयोराज उपाध्याय ने रूद्वाभिषेक कराया और मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने आरती की।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने दूधेश्वर नाथ मंदिर का संयुक्त निरीक्षण किया। मंदिर में कावड़ यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें प्राचीन मंदिर दूधेश्वर नाथ मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग की व्यवस्था आगे तक बढ़ाया गया। नगर आयुक्त ने प्रभारी प्रकाश आश कुमार को विद्युत व्यवस्था दुरूस्त करने को लेकर आवश्यक निर्देश दिया।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में कावड़ यात्रियों का गाजियाबाद आगमन हो रहा है, अगले एक दो दिन में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी। इसको लेकर सभी तरह के इंतजाम किये गये हैं। कांवड़ शिविर, कावंड़ यात्रा मार्ग और मंदिरों का नगर आयुक्त स्वयं निरीक्षण करते रहते हैं। जहां भी कोई कमी नजर आती है या व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए को आवश्यकता महसूस होती है उसे तत्काल दुरूस्त कराया जाता है। कावड़ यात्रियों तथा श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम जनमानस का भी ध्यान रखते हुए बेरीकेटिंग को बढ़ाया जा रहा है तथा प्रकाश व्यवस्था को पूर्ण रूप से सुदृढ़ किया गया है। सड़कों पर और मंदिरों के आस-पास अतिरिक्त लाइटें लगाई गई है जिससे रात्रि के समय दृष्य काफी सुंदर दिखाई देता है। सोमवार को दूधेश्वर नाथ मंदिर के निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने कुछ स्थानों पर बैरिकेडिंग की कमी को महसूस किया। इसके बाद नगर आयुक्त ने खुद मौके पर खड़े होकर बैरिकेडिंग का काम पूरा कराया। व्यवस्था को लेकर पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद वह मंदिर से निकले।
दूधेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार रविवार रात 10 बजे से ही लगनी शुरू हो गई थी और सुबह तक शिवभक्तों की लाइन जस्सीपुरा मोड़ और एमएमजी अस्पताल के सामने तक पहुंच गई। शिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं के हर-हर महादेव,बोल बम व भगवान दूधेश्वर के माहौल से गुंजायमान हो गया। शिवभक्तों ने बेल पत्र,दूध,दही,पंचामृत भांग,धतूरा आदि से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की पूजा के लिए स्वयंसेवकों और पुलिस ने व्यवस्था संभाली मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे। सीसीटीवी कैमरों से भी सभी पर नजर रखी जा रही है। मंदिर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि सावन मास में प्रत्येक दिन ही उनकी पूजा-अर्चना करने का महत्व है। लेकिन सोमवार को पूजा-अर्चना का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी के चलते सावन के दूसरे सोमवार को हजारों शिवभक्तों ने भगवान दूधेश्वरनाथ के दरबार में मत्था टेका और जलाभिषेक किया।वाहनों पर रोक:शहर के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों पर हल्के और दोपहिया वाहनों का प्रतिबंधित रहा। विजयनगर की गऊशाला चौकी,हापुड़ रोड तिराहे और जीटी रोड पर सरायनजर अली मोहल्ले पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनोंं को रोक दिया गया। इसकी वजह से शिवभक्तों को मंदिर तक पैदल चलकर जाना पड़ा। वहीं,नगर निगम सीमा क्षेत्र के सभी 543 छोटे-बड़े मंदिरों में खराब मौसम के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने ईष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक किया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।