गाजियाबाद। शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के अलावा गाजियाबाद नगर निगम के लिए समक्ष प्रदूषण से निपटने की समस्या सबसे अधिक गंभीर है। हवा की खराब गुणवत्ता वाले शहरों की सूची में पूर्व में हमेशा गाजियाबाद का स्थान टॉप-3 या टॉप-5 में रहता था। लेकिन प्रदूषण की समस्या से निपटने को लेकर नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की कार्य योजना का असर दिखाई देने लगा रहा है। शहर में प्रदूषण के स्तर में सतत् गिरावट दर्ज हो रही है और हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। समस्या से निपटने को लेकर तात्कालिक उपाय के साथ ही दीर्घकालिक उपाय पर काम किया जा रहा है। जिसके परिणाम बाद में दिखाई देंगे। लेकिन इतना जरूर स्पष्ट हो गया है कि आने वाले वर्षों में गाजियाबाद के माथे से चिपका सबसे प्रदूषित शहर का तमगा जरूर हट जाएगा।
नगर आयुक्त ने शहर के प्रदूषण के सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) और नगर निगम द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। अब तक आशा अनुरूप परिणाम को देखते हुए कई और योजनाओं पर शीघ्र अमल शुरू होगा। प्रदूषण से निपटने के लिए नगर निगम द्वारा मैकेनाइज्ड तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन स्प्रिंकलर मशीन, एंटी स्मोक गन और मैकेनिक रोड शिपिंग मशीन के माध्यम से वायु की गुणवत्ता में सुधार को लेकर कार्य चल रहा है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शहर में वायु की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए लगातार मैकेनाइज्ड तरीके से कार्य लिया जा रहा है। सड़कों की धूल मुक्त बनाने के लिए रोड स्वीपिंग और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। गाजियाबाद की एयर क्वालिटी इंडेक्स जो कि वर्तमान में 118 से भी नीचे आ गया है तथा मॉडरेट श्रेणी में है। यह एक अच्छा संकेत है। दिल्ली के मुकाबले गाजियाबाद की हवा काफी बेहतर है। स्वास्थ्य विभाग जलकल विभाग में अन्य टीम को और अधिक कार्य मजबूती से करने के लिए मोटिवेट किया गया है। जल्द ही शहर की हवा और बेहतर होगी जिससे शहर वासियों को प्रदूषण की गंभीर स्थिति से राहत मिलेगी।