नई आबकारी नीति: एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर भी मिलेगी प्रीमियम शराब, 1 अप्रैल से शौकीनों को करनी पड़ेगी जेब ढीली

-शादी-ब्याह व अन्य कार्यक्रमों में 12 घंटे के लिए ही शराब परोसने का मिलेगा लाइसेंस 

लखनऊ/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में शराब के शौकीनों को अब 1 अप्रैल से देसी, अंग्रेजी शराब, बीयर व भांग के लिए अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ेगी। मंगलवार को हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति को हरी झंडी मिल गई है। इसके तहत लाइसेंस फीस में भी वृद्धि कर दी गई है। कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। योगी कैबिनेट ने 19 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। पिछली कैबिनेट की बैठक 28 नवंबर को हुई थी। फलों से शराब बनाने के लिए नियमावली में भी संशोधन को सरकार ने हरी झंडी दे दी। प्रदेश की करीब 29 हजार दुकानों का ई-नवीनीकरण होगा। अब वाइन प्लांट्स में एप्पल, व्हाइट ग्रेप्स, नाशपाती से भी शराब बनाई जा सकती है। वाइन शॉप के पास की जगह लाइसेंस धारक मॉडल शॉप के तौर पर कर सकते हैं। अब अंग्रेजी शराब, बीयर, भांग, मॉडल शॉप की दुकानों की वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। देसी शराब की लाइसेंस फीस 254 रुपये प्रति लीटर और ड्यूटी 30 रुपये से बढ़ा कर 32 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। देसी शराब के पउव में पांच रुपये के गुणांक में अधिकतम खुदरा मूल्य यानि एमआरपी तय होगी।

यूपी में अब हवाई अड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब मिलेगी। प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के अंतर्गत ये अनुमति प्रदान की है। नई नीति में योगी सरकार ने आबकारी विभाग से 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही उत्तर प्रदेश में शादी ब्याह, ईवेंट व अन्य कार्यक्रमों में अब सिर्फ 12 घंटे के लिए या रात 12 बजे तक ही शराब परोसी जा सकेगी। 12 बजे के बाद शराब पार्टी की हुई तो सख्त कार्रवाई होगी। नई नीति में शादी-ब्याह, ईवेंट या अन्य कार्यक्रमों शराब परोसने के लिए लिए जाने वाले ओकेजनल बार लाइसेंस की अवधि 12 घंटे या रात 12 बजे तक तय की गई है। राज्य की बीयर की फुटकर की दुकानों में अगर 100 वर्गमीटर अलग से जगह है, तो 5000 रुपये का शुल्क अदा कर लाइसेंसी लोगों को बीयर पिलाने का भी इंतजाम कर सकता है। जिसके लिए जिलाधिकारी के अनुमोदन के लिए जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अनुमति दी जाएगी। मगर इस परमिट रूम में कैंटीन की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। किसी बार के लाइसेंसी परिसर से संबंधित भवन के दूसरे परिसर, टेरेस में लाइसेंसी द्वारा अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना की जा सकेगी। इसके लिए अनुमति लेनी होगी। इसके लिए बार लाइसेंस फीस का 25 प्रतिशत या ढाई लाख रुपये का शुल्क देना होगा।

पुलिस नहीं कर सकेगी शराब की दुकान को सील
अब पुलिस या अन्य कोई एजेंसी किसी भी शराब, बीयर या भांग की फुटकर दुकान या थोक दुकान को सील नहीं कर सकेगी। किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए पहले जिलाधिकारी की अनुमति लेनी होगी। आबकारी विभाग के अधिकारी या लाइसेंस जारी करने वाले प्राधिकारी यानी जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़कर अन्य किसी अधिकारी को ये अनुमति नहीं होगी कि वह बगैर आदेश के लाइसेंसी परिसर का निरीक्षण कर सके। आबकारी विभाग के अधिकारी और लाइसेंस जारी करने वाले जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़कर अन्य एजेंसियों व अफसरों द्वारा शराब, बीयर व भांग की दुकानों के निरीक्षण की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।

-अंग्रेजी शराब और बीयर बनाने वाले उत्पादक अपनी डिस्टलरी व प्लांट के परिसर का पर्यटकों को भ्रमण करवा सकेंगे। साथ ही वहां इन पर्यटकों को अपने ब्रांड का स्वाद भी चखा सकेंगे। इसके लिए शराब की डिस्टलरियों के संचालका को 50 हजार और बीयर बनाने वालों को 25 हजार रुपये का शुल्क देना होगा। जिसके बाद हीं वह डिस्टलरी व प्लांट के परिसर का भ्रमण व स्वाद चख सकेंगे।

-तीन हजार रुपये से अधिक प्रति बोतल एमआरपी वाली देश में बनी अंग्रेजी शराब के स्कॉच व सिंगल माल्ट ब्रांड की प्रदेश में बिक्री प्रोत्साहित करने के लिए बी.डब्लू. एफ.एल.-2ए लाइसेंस भी दिए जाएंगे।

-सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रत्येक फुटकर दुकान पर डिजिटल लेनदेन की सुविधा दी है।
– अनुमति लेकर हवाई अड्डो, मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन के अन्दर भी प्रीमियम रिटेल यानि महंगी शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। ऐसी दुकानों का प्रवेश व निकास द्वार मुख्य भवन के अन्दर से होगा।

-नई नीति में देसी शराब की चार श्रेणियां तय की गई हैं। शीरे से बनने वाली 36 प्रतिशत तीव्रता वाली 200 मिली की शराब कांच, पेट की बोतलों व टेट्रा पैक में, शीरा से बनी 25 प्रतिशत तीव्रता वाली 200 मिली की कांच, पेट की बोतलों व टेट्रा पैक में बिकेगी। इसके अलावा अनाज सड़ाकर बनाई जाने वाली देसी शराब 42.8 प्रतिशत तीव्रता की 200 मिली और 36 प्रतिशत तीव्रता वाली शराब कांच, पेट व एसेप्टिक ब्रिक पैक यानि टेट्रा पैक में बिकेगी।