भगवान श्रीराम के बाल लीला अहिल्या उद्धार की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता

गाजियाबाद। नव दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा व्यास मानस मर्मज्ञ परम पूज्य श्री श्रीकांत पाण्डेय, के श्रीमुख से प्रभु श्री राम की बाल लीला एवं अहिल्या उद्धार के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के बचपन की लीलाएं व जीवन चरित्र की पावन महीमा का रसपान कर आज के दिन विभिन्न क्षेत्रों से पधारे सभी श्रद्धालुगण अत्यंत हर्षित और सराबोर हुए।

श्री व्यास ने विस्तार पूर्वक बाल लीला फिर चूड़ा कर्म, विद्या अध्ययन, ताड़का सुबाहु वध, धनुष यज्ञ निमंत्रण, अहिल्या उद्धार वर्णन किया। यजमान सुधीर राय एवं मुख्य अतिथि हिमांशु चौधरी (पार्षद साहिबाबाद), शशि खेमका (पार्षद सूर्य नगर) ने इस अवसर पर कथा का श्रवण किया। उपस्थित रहे विभिन्न समाजसेवियों में एमपी शर्मा, लल्लन सिंह, पंकज तिवारी, अशोक सिंह, वीरेन्द्र यादव, रविंद्र राजौरा, उम्मेद सिंह ठाकुर, विक्की भारद्वाज, शशिकांत तिवारी, धु्रव कुमार, विपुल भदौरिया, विभूति यादव, अर्जुन तोमर, आदि शामिल हुए। प्रभु श्री रामचन्द्रजी ऐसे दीनबंधु और बिना ही कारण दया करने वाले हैं। तुलसीदास जी कहते हैं, हे शठ (मन) तू कपट-जंजाल छोड़कर उन्हीं का भजन कर।